टीम एबीएन, रांची। झारखंड संस्कृति प्रेमी राज्य है। बारह मासे 13 परब के परंपरा से परीलक्षित है। कार्तिक अमावस्या के बाद मनाये जाने वाला पर्व सोहराय का एक विशेष महत्व है। आज बृहद झारखंड संस्कृति कला मंच के द्वारा राजधानी रांची में ठहरे सोहराय बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से संस्कृति प्रेमी का जुटान मोराबादी मैदान में हुआ।
कार्यक्रम में राज्य के आदिवासी मूलवासी व सभी जाति वर्गों के लोगों की उपस्थिति देखी गयी। उसके बाद वहां से अपने सांस्कृतिक अंदाज में नाचते-गाते हुए एसएसपी चौक-रेडियम रोड- कचहरी चौक होते हुए जयपाल सिंह स्टेडियम पहुंचे। झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा की उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो भी सोहराय पदयात्रा में शामिल हुए।
श्री महतो ने स्टेडियम में मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा के आदम का प्रतिमा को माल्यार्पण करते हुए आधिकारिक रूप से अखाड़ा प्रदर्शनी को प्रारंभ किया गया। पदयात्रा में भारी भीड़ के कारण रोड में जाम की स्थिति देखी गई। यातायात वाहन ट्रैफिक में परेशानियां दिखी। प्रशासन ने काफी मशक्कत से ट्रैफिक को नियंत्रण में किया।
सोहराय अखाड़ा स्थल स्टेडियम में सोहराय संस्कृति प्रेमि झुमते व गाते नजर आये। महिलाओं ने अपने पारंपरिक नेक नियम व संगीत से परब को सफल बनाया। प्रसिद्ध क्षेत्रीय कलाकारों ने अपने रंगारंग कला प्रस्तुत किया। नई फसल के आगमन कि खुशी, खेती किसानी उपकरणों के प्रति आस्था और बैल भैंसा आदि जानवरों के प्यार को दिखाया गया।
देवेंद्र नाथ महतो ने मीडिया वार्ता में कहा की राजधानी शहर के बीचो-बीच यह पर्व स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य है कि सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करना, स्थानिक कलाकारों कलाकारों को मंच देना और आज की युवा पीढ़ी को अपने जड़ों से जोड़ना है।
आज के इस कार्यक्रम में पप्पू कुर्मी, दीपक पुर्णियार, शीतल ओहदार, शखीचंद महतो, बेबी महतो, जलेश्वर मार्शल, फुलेश्वर बेठा, सुमित खतियानी, रामपदो महतो, बबलु महतो, बैरोजगार पुनेश्वर,काजल महतो आदि आयोजक समिति में सक्रिय रहे।
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