पर्यटक नगरी के रूप में विश्व प्रसिद्ध नैनीताल जिला जल्द ही देश में प्रमुख आलू उत्पादक जिले के रूप में पहचान बनाएगा। सहकारिता विभाग ने इसकी शुरुआत कर दी है। पहले चरण में जिले के धारी ब्लाक के पहाड़पानी में 700 किसानों को आलू उत्पादक किसान के रूप में चिह्नित कर उन्हें आलू बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही ब्लाक के 30 गांवों में 15-20 किसानों का एक समूह बनाया जाएगा। सहकारी संघ ने इफको की सहयोगी संस्था इंडियन फार्म फॉरेस्ट्री डेवलेपमेंट कोऑपरेटिव (आईएफएफडीसी) से इसके लिए करार किया है। इस कवायद का मकसद आलू बीज का प्रचुर मात्रा में उत्पादन कर काश्तकारों को सस्ते दरों पर बीज उपलब्ध कराने के साथ ही बाहरी राज्यों पर बीज की निर्भरता समाप्त करना और किसानों की आय दोगुना करना है। आलू बीज का प्रचुर उत्पादन कर अन्य राज्यों में भी भेजा जाएगा। सहकारिता विभाग की राज्य समेकित सहकारिता विकास योजना के तहत आईएफएफडीसी के साथ योजना को संचालित करने के लिए करार किया गया है। धारी विकासखंड की साधन सहकारी समिति पहाड़पानी के साथ मिलकर संस्था काम करेगी। नैनीताल जिला प्रमुख आलू उत्पादक जिला रहा है, लेकिन यहां आलू का बीज हिमाचल आदि राज्यों से मंगाया जाता है जो काफी महंगा मिलता है। इसी साल किसानों को 70 रुपये किलो आलू बीज खरीदना पड़ा है। यहां आलू बीज उत्पादन पर विशेष फोकस किया गया है ताकि किसानों को सस्ते दरों पर बीज मिलें और बाहरी राज्यों को आलू बेचा जा सके। आईएफएफडीसी के परियोजना प्रबंधक देश दीपक यादव का कहना है कि नैनीताल जिले को प्रमुख आलू उत्पादक जिला बनाने के साथ ही आलू के क्षेत्र में विशेष पहचान दिलाने का प्रयास होगा। मुख्य उद्देश्य किसानों की आय दोगुना करना होगा। काश्तकारों को तकनीकी सहयोग दिया जाएगा।
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