टीम एबीएन, रांची। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन से अलग राह पकड़ने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भले ही छह सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया हो, लेकिन पार्टी अब तक किसी भी उम्मीदवार को टिकट नहीं दे सकी है।
टिकट की उम्मीद में बीते दस दिनों से बिहार के अलग-अलग जिलों से रांची पहुंचे संभावित प्रत्याशी रविवार शाम तक पार्टी मुख्यालय में जमे रहे, मगर घंटों इंतजार के बाद सभी को निराश होकर लौटना पड़ा।
शाम करीब छह बजे पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता बिनोद पांडेय की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें सभी दावेदार मौजूद थे। बैठक के बाद उन्हें बताया गया कि टिकट को लेकर शीर्ष नेतृत्व से अंतिम बातचीत चल रही है और जल्द ही फैसला लेकर जानकारी दी जाएगी।
इसके बाद सभी प्रत्याशी मायूस होकर अपने-अपने क्षेत्रों की ओर लौट गए। पिरपैती विधानसभा क्षेत्र से टिकट की दावेदार निर्मला कुमारी ने बताया कि हमसे कहा गया कि अभी शांत रहें, आलाकमान बातचीत कर रहा है, निर्णय होने पर हमें सूचित किया जाएगा।
वहीं कटोरिया सीट से टिकट की उम्मीद लगाए बैठी अंजला हांसदा, जिन्होंने पहले भी इसी क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, उन्होंने कहा कि हमें भरोसा दिया गया था कि पार्टी इस बार हमें मौका देगी, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ। नामांकन की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर है, इसलिए हमें वापस लौटना पड़ रहा है।
इसी तरह चकाई से आये ओमकारनाथ वर्मा, मनिहारी की फुलमनी हेंब्रम और बांका के हीरालाल मंडल ने भी बताया कि उन्हें सिर्फ इंतजार करने को कहा गया है। झामुमो ने भले ही छह सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर अपनी राजनीतिक मंशा साफ कर दी हो, लेकिन टिकट वितरण में देरी से कार्यकर्ताओं और दावेदारों में असमंजस और नाराजगी का माहौल है। पार्टी नेतृत्व का कहना है कि टिकट को लेकर फैसला जल्द ही लिया जायेगा, सभी कार्यकर्ता धैर्य बनाये रखें।
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