टीम एबीएन, रांची। पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन ने पर्यावरण सुरक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए झारखंड से पूरे देश को एक संदेश दिया है। पासवा ने राज्य भर के निजी विद्यालयों के माध्यम से 50 लाख पौधों का वृक्षारोपण करने का संकल्प लिया है। यह पहल केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि भावी पीढ़ी को हरित, स्वच्छ और संतुलित वातावरण देने की दिशा में एक ठोस और दूरदर्शी कदम है।
पासवा का यह अभियान एक बच्चा-एक पौधा की अवधारणा पर आधारित है, जिसमें स्कूलों, छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और स्थानीय समुदायों की सहभागिता को सुनिश्चित किया जा रहा है। इस महाअभियान के तहत झारखंड के हर जिले में विद्यालयों को ग्रीन जोन के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने इस अभियान को संगठन की नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि पौधरोपण केवल एक पर्यावरणीय कार्य नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए जीवन की बुनियाद तैयार करने जैसा है।
पासवा इस कार्य को जन-जन की भागीदारी से जनांदोलन बनाएगी। झारखंड से शुरू होकर यह अभियान पूरे देश के निजी विद्यालयों को प्रेरित करेगा कि वे केवल शिक्षा ही नहीं, पर्यावरण निर्माण में भी अग्रणी भूमिका निभायें।
पासवा की महासचिव एवं राष्ट्रपति अवॉर्डी फलक फातिमा ने अभियान की व्यापकता और दीर्घकालिक सोच पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह केवल पौधारोपण की पहल नहीं, बल्कि एक पीढ़ी को प्रकृति से जोड़ने का अभियान है।
पर्यावरण संकट के इस युग में जब वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण जैसी समस्याएँ बढ़ रही हैं, तब बच्चों को प्रकृति से जोड़ना एक आवश्यक नैतिक शिक्षा है। इस अभियान के माध्यम से हम लाखों बच्चों को हरियाली का प्रहरी बनाएंगे।
उन्होंने आगे कहा, मैंने स्वयं व्यक्तिगत रूप से बीते 8 वर्षों में 3000 से अधिक पौधों का रोपण किया है। यह अनुभव मुझे विश्वास दिलाता है कि सामूहिक प्रयास से हम बड़े बदलाव ला सकते हैं। मेहुल दुबे ने कहा कि पौधरोपण केवल एक पर्यावरणीय क्रिया नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रत्यक्ष उदाहरण है।
जब शिक्षा से जुड़े संस्थान पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों को अपनी प्राथमिकता बनाते हैं, तब समाज में सकारात्मक बदलाव की नींव रखी जाती है। पासवा का यह अभियान नयी पीढ़ी में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता दोनों को विकसित करने का माध्यम बनेगा।
विशाल कुमार सिंह ने कहा कि हम केवल पौधे नहीं लगा रहे, हम भविष्य के नागरिकों में प्रकृति के प्रति उत्तरदायित्व की भावना विकसित कर रहे हैं। इस महाअभियान में राज्य के सभी निजी विद्यालयों को न्यूनतम 500 पौधे लगाने की जिम्मेदारी दी गयी है। पौधारोपण के स्थानों का चयन स्कूल परिसर, ग्रामीण क्षेत्र, सड़क किनारे, सार्वजनिक पार्क आदि में किया जा रहा है।
यह पहल आने वाली पीढ़ी को न केवल शिक्षित, बल्कि संवेदनशील और जागरूक नागरिक बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। इस अभियान में पासवा वॉलिंटियर अनिकेत, अजहर आलम, श्रुति, अनुष्का, अकबर, अनामिका, आरती, सचिन, नंदिनी, विशाखा, अंकिता, प्रीति कुमारी, जाबिर, सैनुल्लाह खान एवं अन्य वॉलिंटियर्स भी शामिल हैं।
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