टीम एबीएन, पलामू / रांची। एक जुलाई से पलामू टाइगर रिजर्व और टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले नेशनल पार्क में पर्यटन गतिविधि को बंद कर दिया जायेगा। यह पर्यटन गतिविधि 31 सितंबर तक बंद रहेगी। तीन महीने तक किसी भी प्रकार की पर्यटन गतिविधि का संचालन नहीं किया जायेगा।
बाघ के लिए संरक्षित झारखंड का एकमात्र पलामू टाइगर रिजर्व में भी पहली जुलाई से पर्यटन गतिविधि को बंद करने की तैयारी की जा रही है। पलामू टाइगर रिजर्व के अंतर्गत बेतला नेशनल पार्क भी है वहां भी पर्यटन गतिविधि को बंद किया जायेगा। दरअसल जुलाई से सितंबर तक बारिश का मौसम होता है। इस मौसम में कई वन्य जीव अपना प्रजनन करते हैं। प्रजनन में दखलअंदाजी को रोकने के लिए पर्यटन गतिविधि को रोका जाता है।
इसके अलावा कई ऐसे पेड़ पौधे हैं जो बारिश के दिनों में जंगल से बाहर निकलते हैं। बाघों के प्रजनन के लिए शांत वातावरण की जरूरत होती है, यही वजह होती है कि इलाके में पर्यटकों की जाने पर रोक लगा दी जाती है। बरसात के दिनों में टाइगर रिजर्व आसपास नदी और नाले उफान पर होते हैं। इस दौरान रास्तों को भी नुकसान होता है। इस दौरान पर्यटकों को सुरक्षा उपलब्ध कराना प्रबंधन के लिए एक चुनौती भरा कार्य हो जाता है।
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