एबीएन न्यूज नेटवर्क, पटना। तीन दशक से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की राजनीति के केंद्र में बने हुए हैं। जब-जब राजनीतिक समीक्षकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक शक्ति को कम करके आंका तब-तब जदयू ने अपने प्रदर्शन से उन आकलनों को खारिज दिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस भी गठबंधन का साथ दिया वे आराम से सत्ता में आ गये। 2015 के विधानसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि जेडीयू का साथ रहने से आरजेडी की सीट की संख्या 22 से बढ़कर 80 हो गयी थी।
वहीं जदयू से अलग चुनाव लड़ने वाली भाजपा को 2015 में भारी नुकसान उठाना पड़ा था। 2015 के चुनाव में भाजपा की सीट 91 से घट कर 54 पर आ गया। इसलिए पटना से लेकर दिल्ली तक के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा होती है कि जिसके साथ नीतीश कुमार होंगे, वही गठबंधन सत्ता में आया है।
Subscribe to our website and get the latest updates straight to your inbox.
टीम एबीएन न्यूज़ २४ अपने सभी प्रेरणाश्रोतों का अभिनन्दन करता है। आपके सहयोग और स्नेह के लिए धन्यवाद।
© www.abnnews24.com. All Rights Reserved. Designed by Inhouse