एबीएन सेंट्रल डेस्क। नेपाल में जेन-जेड आंदोलन और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अब अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए कुलमान घिसिंग का नाम सबसे आगे माना जा रहा है। 54 साल के घिसिंग, जो नेपाल बिजली बोर्ड में कार्यरत रहे हैं और बिजली आपूर्ति सुधार के लिए लोकप्रिय हैं, अब पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को पीछे छोड़ चुके हैं।
कुलमान घिसिंग को भारत के साथ मजबूत और भरोसेमंद संबंध बनाए रखने वाला माना जाता है। उनका मानना है कि नेपाल-भारत संबंध सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि आर्थिक और सामाजिक तौर पर भी महत्वपूर्ण हैं। बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग के जरिए नेपाल में स्थिरता और विकास लाने पर घिसिंग जोर देंगे। जेन-जेड आंदोलन के दौरान उन्होंने यह स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच मतभेदों को हल करके साझेदारी को मजबूत किया जा सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर घिसिंग अंतरिम प्रधानमंत्री बनते हैं, तो भारत के साथ व्यापार, ऊर्जा और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में नई गति आयेगी।
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