कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर से सहमे उद्योग से वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण लगातार बातचीत कर रही हैं। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में सतत वृद्धि को बनाए रखने के लिए सरकार और उद्योगों के बीच पूरा भरोसा होना चाहिए। हम महामारी से निपटने के साथ अर्थव्यवस्था बचाने की भी कोशिश कर रहे हैं। उद्योग संगठन चैंबर ऑफ कॉमर्स के सेमीनार में वित्तमंत्री ने कहा, महामारी की दूसरी लहर के बावजूद केंद्र सरकार कई ऐसे कदम उठा रही है, जिससे अर्थव्यवस्था में सुधार को सुनिश्चित किया जा सके। संकट के बीच सतत वृद्धि हासिल करने के लिए उद्योग जगत का साथ आना जरूरी है। सरकार और उद्योग के बीच पूरा भरोसा होना चाहिए। उद्योग जगत को यह महसूस करना होगा कि हम उनकी बेहतरी के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हमारे बीच अविश्वास का कोई कारण नहीं होना चाहिए। वित्तमंत्री ने रिजर्व बैंक को सरकार का महत्वपूर्ण और भरोसेमंद अंग बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र और केंद्रीय बैंक साथ मिलकर अर्थव्यवस्था और देश की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं। हमारी सरकार ने पहले जो कदम उठाए थे, उसका नतीजा है कि दूसरी लहर के बावजूद अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर है। सरकार ने पिछले साल 70 दिन का लंबा लॉकडाउन लगाया था। सरकार लॉकडाउन के पक्ष में बिलकुल नहीं सीतारमण ने एक बार फिर दोहराया कि पिछले साल की तरह सरकार देशभर में एकबारगी लॉकडाउन करने के पक्ष में बिलकुल नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कदम से प्रवासी मजदूरों पर बेहद बुरा असर पड़ेगा। अभी सेंटिमेंट में ज्यादा कमी नहीं आई है। लिहाजा हम उद्योग जगत से अपील करते हैं कि वे सरकार पर भरोसा बनाए रखें। महामारी से निपटने के लिए हम टीकाकरण की गति और विस्तार को बढ़ाएंगे। कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने के लिए 4,650 करोड़ रुपये की मदद दी जा रही है। सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की ओर से जुलाई तक अधिक मात्रा में वैक्सीन का उत्पादन किया जाएगा। सरकारी अस्पतालों में यह मुफ्त मिलेगी। 2021-22 की विकास दर में 0.5 फीसदी कटौती घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बढ़ते संक्रमण और लॉकडाउन की स्थितियों को देखते हुए भारत के विकास दर अनुमान में कटौती कर दी है। एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि नए आर्थिक प्रतिबंधों के दबाव में 2021-22 के दौरान भारत की विकास दर 10-10.5 फीसदी रह सकती है। एजेंसी ने पहले 11 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया था। इक्रा ने कहा, अप्रैल-जून तिमाही के लिए हमने पहले 27.5 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया था, लेकिन अब यह 20-25 फीसदी के दायरे में रह सकती है। संक्रमण के हालिया बढ़ते मामलों से उपभोक्ताओं के भरोसे में कमी आई है। कारोबारी भरोसा भी 93 फीसदी से गिरकर 90 के करीब पहुंच गया है।
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