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Published / 2025-12-10 18:44:00
मोदी-भागवत के मिलन ने खोले कई राज

मोहन भागवत ने खोला मोदी उत्तराधिकारी का सस्पेंस, अगली पीएम की कुर्सी किसके लिए? पढ़ें पूरी बात 

एबीएन सेंट्रल डेस्क। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (फरर) के शताब्दी वर्ष समारोह में सोमवार को चेन्नई में आयोजित कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कई अहम सवालों पर अपनी राय रखी। मौके पर उनसे जब पूछा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद सत्ता की बागडोर किसे सौंपी जायेगी, तो भागवत ने स्पष्ट किया कि इस विषय पर अंतिम निर्णय भाजपा और मोदी जी आपस में चर्चा कर तय करेंगे। उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया पार्टी की रणनीति और अनुशासन के तहत होगी। 

तमिलनाडु में राष्ट्रवादी भावना की सराहना 

भागवत ने तमिलनाडु में फरर की सीमित उपस्थिति पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि राज्य में 100% राष्ट्रवादी भावना मौजूद है, लेकिन कुछ कृत्रिम बाधाओं के कारण इस भावना का पूर्ण रूप से अभिव्यक्ति नहीं हो पा रही है।

भागवत ने आश्वस्त किया कि ये अवरोध लंबे समय तक टिकेंगे नहीं और इसे दूर करने के प्रयास लगातार जारी हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की जनता अपने संस्कृति, परंपरा और राष्ट्रहित के प्रति समर्पित रही है और इन मूल्यों को और मजबूत करना आवश्यक है। 

भाषाई विविधता और सांस्कृतिक गौरव पर जोर 

संघ प्रमुख ने तमिलनाडु के लोगों से अपनी मातृभाषा में बातचीत करने और अपनी पारंपरिक जीवन शैली को बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि लोग तमिल में हस्ताक्षर करने में क्यों हिचकते हैं। भागवत ने सभी भारतीय भाषाओं को समान महत्व देते हुए कहा कि ये हमारी सांस्कृतिक पहचान और गौरव का हिस्सा हैं। 

उन्होंने दक्षिण भारतीय राज्यों की संस्कृति की सराहना करते हुए खासकर पारंपरिक पोशाक वेष्टि को लोगों के सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक बताया। भागवत ने स्पष्ट किया कि भारतीय संस्कृति की इस विविधता को संजोना और बढ़ावा देना समाज और राष्ट्र दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

Published / 2025-12-09 22:00:17
पुरानी हस्तशिल्प परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी कारीगरों की प्रतिबद्धता का परिणाम : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति मुर्मु का संदेश; हस्तशिल्प हमारी संस्कृति और आजीविका की जान हैं 

एबीएन सेंट्रल डेस्क। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को नई दिल्ली में वर्ष 2023 और 2024 के लिए राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार वितरित किये। मौके पर उन्होंने भारतीय हस्तशिल्प की ऐतिहासिक, सामाजिक और आर्थिक अहमियत पर गहन प्रकाश डाला। 

राष्ट्रपति ने कहा कि कला और हस्तशिल्प केवल हमारी सांस्कृतिक पहचान नहीं हैं, बल्कि यह आजीविका और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण आधार भी हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी सदियों पुरानी हस्तशिल्प परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी कारीगरों की प्रतिबद्धता का परिणाम है। 

कारीगरों ने अपनी कला को बदलते समय के अनुरूप ढाला, लेकिन मूल भावनाओं और मिट्टी की खुशबू को जीवित रखा। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र देश में 32 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है, जिसमें बड़ी संख्या ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में निवास करती है। 

हस्तशिल्प के महत्व पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह पारंपरिक रूप से कमजोर वर्गों और महिलाओं के सशक्तिकरण में भी योगदान देता है। कार्यबल में 68 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं, जो इस क्षेत्र को सामाजिक समावेशन और आर्थिक स्वतंत्रता के लिए एक प्रमुख मंच बनाती हैं। 

इसके साथ ही उन्होंने हस्तशिल्प उद्योग की स्थायित्व की ओर ध्यान आकर्षित किया और कहा कि यह प्राकृतिक और स्थानीय संसाधनों पर आधारित होने के कारण पर्यावरण के अनुकूल और कम कार्बन उत्सर्जन वाला क्षेत्र है। राष्ट्रपति ने जीआई टैग की अहमियत पर भी प्रकाश डाला। 

उनका कहना था कि जीआई टैग भारतीय हस्तशिल्प उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान और विश्वसनीयता प्रदान करता है। उन्होंने सभी हितधारकों से अपने उत्पादों के लिए जीआई टैग हासिल करने का आग्रह किया और एक जिला, एक उत्पाद पहल को इस दिशा में एक प्रभावी कदम बताया।

 राष्ट्रपति मुर्मु ने यह भी कहा कि भारतीय हस्तशिल्प की वैश्विक मांग में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं। युवा उद्यमियों और डिजाइनरों के लिए यह क्षेत्र नये व्यवसाय स्थापित करने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कदम रखने का सुनहरा अवसर प्रस्तुत करता है। इस कार्यक्रम ने न केवल कारीगरों को सम्मानित किया बल्कि भारतीय हस्तशिल्प की आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक भूमिका को भी व्यापक मंच पर उजागर किया।

Published / 2025-12-08 21:00:02
अनके पड़ावों से गुजरी है वंदे मातरम् की 150 वर्ष की यात्रा : पीएम मोदी

जब वंदे मातरम् के 100 साल पूरे हुए थे तब संविधान का गला घोंट दिया गया था: प्रधानमंत्री मोदी 

एबीएन सेंट्रल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को लोकसभा में वंदे मातरम् के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख किया और 1975 में लगाये गये आपातकाल का हवाला देते हुए कहा कि जब राष्ट्रीय गीत के 100 वर्ष हुए, तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था और संविधान का गला घोंट दिया गया था। उन्होंने सदन में, राष्ट्रीय गीत के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर आयोजित विशेष चर्चा की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि वंदे मातरम् स्वतंत्रता आंदोलन का स्वर बन गया था, हर भारतीय का संकल्प बन गया था। 

मोदी ने कहा कि जिस मंत्र ने, जिस जयघोष ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदे मातरम् का पुण्य स्मरण करना इस सदन में हम सबका बहुत बड़ा सौभाग्य है। 

हमारे लिए यह गर्व की बात है कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और हम सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् की 150 वर्ष की यात्रा अनेक पड़ावों से गुजरी है, लेकिन जब वंदे मातरम् के 50 वर्ष हुए थे, तब देश गुलामी में जीने के लिए मजबूर था। 

जब वंदे मातरम् के 100 वर्ष हुए, तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था और जब वंदे मातरम् का अत्यंत उत्तम पर्व होना चाहिए था, तब भारत के संविधान का गला घोंट दिया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वंदे मातरम् के 100 वर्ष हुए, तब देशभक्ति के लिए जीने-मरने वाले लोगों को जेल की सलाखों के पीछे बंद कर दिया गया था। 

उन्होंने कहा कि जिस वंदे मातरम् गीत ने देश को आजादी की ऊर्जा दी थी, उसके 100 वर्ष पूरे होने पर हमारे इतिहास का एक काला कालखंड दुर्भाग्य से उजागर हो गया।

Published / 2025-12-08 20:32:02
बंगाल में बाबरी मस्जिद बनाने के लिए अबतक आये 1.3 करोड़

बाबरी मस्जिद निर्माण के लिए अब तक 1.3 करोड़ मिले, और बक्से खुलने बाकी 

हुमायूं कबीर ने बताया कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रुपयों की गिनती का सीधा प्रसारण किया जा रहा है। 

बाबरी मस्जिद निर्माण के लिए अब तक 1.3 करोड़ मिले, और बक्से खुलने बाकी  

एबीएन सेंट्रल डेस्क (बहरामपुर)। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद की शैली में मस्जिद बनाने के लिए चलाये जा रहे अभियान के तहत अब तक करीब 1.3 करोड़ रुपये का चंदा मिल चुका है। 

कबीर के करीबी लोगों ने बताया कि चंदे के लिए जगह-जगह लगाये गये दानपत्र लगभग भर चुके हैं और नकदी गिनने वाली मशीनों की मदद से रात भर चंदे की गिनती चलती रही। उन्होंने बताया कि लोग दान नकदी और आनलाइन दोनों तरीके से दे रहे हैं। 

मस्जिद के लिए आनलाइन 93 लाख मिले 

कबीर के करीबी लोगों ने सोमवार को बताया कि चार दान पेटियों और एक बोरी से अब तक कम से कम 37.33 लाख रुपये नकद गिने गये हैं, जबकि क्यूआर कोड के माध्यम से आनलाइन योगदान 93 लाख रुपये तक पहुंच गया है, जिससे कुल राशि 1.30 करोड़ रुपये हो गयी है, जबकि सात और सीलबंद पेटियों को खोला जाना बाकी है। 

कबीर ने शनिवार को अभूतपूर्व सुरक्षा के बीच मुर्शिदाबाद के रेजिनगर में मस्जिद की आधारशिला रखी। उन्होंने जान-बूझकर छह दिसंबर का दिन चुना, जो अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस की वर्षगांठ है। उनके इस कदम से बंगाल का सियासी पारा चढ़ गया है जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

30 लोग मशीन से रुपये गिन रहे 

कबीर ने छह दिसंबर को शिलान्यास कार्यक्रम स्थल पर 11 बड़े स्टेनलेस स्टील के दान पात्र रखे थे और लोगों से चंदे की अपील की थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि तब से समर्थक नकदी और यहां तक कि मस्जिद निर्माण के लिए ईंटें लेकर आ रहे हैं। नकदी की गिनती रविवार शाम सात बजे शुरू हुई और मध्य रात्रि तक जारी रही, यह काम 30 लोगों की एक टीम ने विशेष मशीनों का उपयोग करके किया। 

बाकी सात दानपत्र सोमवार शाम पांच बजे खोले जाएंगे और एक टीम इस प्रक्रिया की निगरानी करेगी। कबीर ने बताया कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, गिनती का सीधा प्रसारण किया जा रहा है। कबीर ने दावा किया कि मदद सभी अपेक्षाओं से अधिक है। 

उनके मुताबिक दान कथित तौर पर देश के बाहर से भी आ रहा है। विधायक के करीबियों ने बताया कि एकत्रित धन को सीसीटीवी निगरानी वाले सुरक्षित कमरे में स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जा रही है तथा इसे जमा कराने के लिए बैंकों के साथ चर्चा चल रही है।

Published / 2025-12-07 21:06:04
यात्रियों को टिकट के पैसे लौटा रहा इंडिगो

610 करोड़ रुपये रिफंड: 6 दिन की अफरा-तफरी के बाद इंडिगो ने यात्रियों को लौटाये पैसे, 3,000 बैग भी किये वापस 

एबीएन सेंट्रल डेस्क। इंडिगो एयरलाइंस ने 6 दिन तक चली अफरा-तफरी के बाद यात्रियों को बड़ा राहत अपडेट दिया है। एयरलाइन ने पुष्टि की है कि प्रभावित यात्रियों को कुल 610 करोड़ रुपये का रिफंड प्रोसेस कर दिया गया है। 

साथ ही करीब 3,000 गुम हुए बैग भी यात्रियों को वापस सौंप दिये गये हैं। यह कदम उन यात्रियों के लिए बड़ी राहत है, जिन्हें पिछले कुछ दिनों में फ्लाइट कैंसिलेशन और देरी के चलते भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था।

Published / 2025-12-07 18:46:56
गोवा में झारखंड के तीन युवकों की दम घुटने से मौत

रात के अंधेरे में आग का कहर, झारखंड के तीन युवकों की मौत, दम घुटने से गयी जान 

एबीएन सेंट्रल डेस्क। गोवा के एक नाइट क्लब में शुक्रवार देर रात हुए भीषण आगजनी हादसे में झारखंड के तीन युवकों की मौत हो गयी। इस घटना में कुल 23 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। 

मृतकों में रांची फतेहपुर के दो सगे भाई 24 वर्षीय प्रदीप महतो और 22 वर्षीय विनोद महतो, पिता धनेश्वर महतो, तथा खूंटी जिले के कर्रा, गोविंदपुर निवासी 22 वर्षीय मोहित मुंडा, पिता एतवा मुंडा शामिल हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार नाइट क्लब में अचानक गैस सिलेंडर फटने से आग तेजी से फैल गयी। 

कुछ ही मिनटों में पूरा क्लब धुएं से भर गया और अफरा-तफरी मच गयी। लोग बाहर निकलने की कोशिश करते रहे, लेकिन सीमित निकास मार्ग के कारण कई लोग अंदर ही फंस गये। विनोद महतो की मौत दम घुटने से हुई, जबकि प्रदीप और मोहित समेत कई लोग आग की लपटों में झुलस गये। 

हादसे की जानकारी मिलते ही गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए हर संभव सरकारी सहायता देने का आश्वासन दिया।

Published / 2025-12-06 22:54:58
वैश्विक मंदी में भी ग्रोथ करता है भारत : मोदी

  • जब दुनिया में मंदी की बात होती है तब भारत ग्रोथ की कहानी लिखता है, PM मोदी का विश्व को संदेश

एबीएन सेंट्रल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत आज दुनिया में एक नई पहचान बना रहा है और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि लंबे समय की गुलामी ने भारत के आत्मविश्वास को कमजोर किया था, लेकिन अब देश इस मानसिकता से बाहर निकलकर नये संकल्पों और नई ऊर्जा के साथ प्रगति की ओर बढ़ रहा है।

भारत गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा है : मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोई भी देश आत्मविश्वास के बिना आगे नहीं बढ़ सकता और भारत आज उसी आत्मविश्वास की ताकत पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि गुलामी की मानसिकता भारत के विकसित राष्ट्र बनने की राह में सबसे बड़ी बाधा थी, लेकिन सरकार इस सोच से मुक्त होने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत अब बदलाव की मानसिकता के साथ आगे बढ़ रहा है और हर क्षेत्र में नया इतिहास लिखा जा रहा है।

स्पेस सेक्टर में सुधार का जिक्र

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने स्पेस सेक्टर में हुए बदलावों का जिक्र किया। हिंदुस्तान टाइम्स समिट में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पहले अंतरिक्ष क्षेत्र पूरी तरह सरकारी नियंत्रण में था, लेकिन सरकार ने सुधार करके इसे निजी कंपनियों के लिए खोल दिया। इस फैसले ने अंतरिक्ष अनुसंधान से लेकर सैटेलाइट लॉन्च तक नए अवसरों के द्वार खोले हैं और इसका परिणाम आज साफ दिखाई दे रहा है।

अर्थव्यवस्था पर बोले प्रधानमंत्री

देश की अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में जारी हुए जीडीपी आंकड़े बताते हैं कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है। उन्होंने बताया कि दूसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 8% रही है, जो केवल आंकड़ा नहीं बल्कि भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति का संकेत है। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया की आर्थिक विकास दर में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

वैश्विक परिदृश्य में भारत की भूमिका

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब दुनिया मंदी की चर्चा कर रही है, तब भारत विकास की कहानी लिख रहा है। जब दुनिया में भरोसे का संकट है, तब भारत भरोसे का स्तंभ बन रहा है और जब दुनिया विभाजन की ओर बढ़ रही है, तब भारत पुल बनाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अब केवल देख रहा देश नहीं, बल्कि दुनिया को दिशा देने वाला राष्ट्र बन चुका है।

बाबा साहेब अंबेडकर को किया याद

अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि आज बाबा साहेब का महापरिनिर्वाण दिवस है और उनकी सोच और उनके योगदान के बिना भारत का लोकतांत्रिक ढांचा अधूरा होता।

अगले 25 साल होंगे निर्णायक : पीएम मोदी

संदेश के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम उस दौर में खड़े हैं जब 21वीं सदी का एक चौथाई हिस्सा समाप्त हो चुका है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले 25 साल भारत के लिए निर्णायक होंगे और यह समय है जब भारत एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में सबसे बड़े कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी दिशा स्पष्ट है, हमारी गति निरंतर है और हमारा इरादा-भारत प्रथम है।

Published / 2025-12-05 19:53:12
इन दिनों तकनीकी रूप से संप्रभु बन रहा भारत : पुतिन

  • भारत तकनीकी रूप से संप्रभु बन रहा है : ब्लादिमीर पुतिन

एबीएन सेंट्रल डेस्क। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आगे कहा, मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत एक स्वतंत्र और संप्रभु नीति का पालन कर रहा है और साथ ही बहुत अच्छे परिणाम भी प्राप्त कर रहा है। आज, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

प्रधानमंत्री मोदी की मजबूत आर्थिक नीति और मेक इन इंडिया कार्यक्रम जैसी ऐतिहासिक पहल की बदौलत भारत तकनीकी रूप से संप्रभु बन रहा है। भारत का आईटी और फार्मास्युटिकल क्षेत्र दुनिया में अग्रणी स्थान रखता है।

व्लादिमीर पुतिन ने कहा, मैं रूस और भारत के बीच बहुआयामी आर्थिक संबंधों को गहरा करने पर विशेष ध्यान दे रहा हूं। आज की बैठकों के बाद, हमने भारत-रूस आर्थिक सहयोग विकसित करने के लिए एक दस्तावेज को अपनाया। 

रूसी व्यवसाय भारत से वस्तुओं और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला में खरीदारी बढ़ाने के लिए तैयार हैं। मैं व्यवसायों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि रूस सभी पहलों का समर्थन करेगा।

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