एबीएन सेंट्रल डेस्क। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बीते मंगलवार को बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात के प्रभाव के कारण 31 अक्टूबर तक झारखंड के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान जताया है।
आईएमडी ने एक बुलेटिन में बताया कि चक्रवाती तूफान मोंथा मंगलवार सुबह साढ़े पांच बजे तक एक भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया। थाई भाषा में मोंथा का अर्थ सुगंधित फूल होता है। तूफान सुबह साढ़े पांच बजे मछलीपत्तनम से 190 किमी दक्षिण-पूर्व में, काकीनाडा से 270 किमी दक्षिण-पूर्व में तथा आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से 340 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में केंद्रित था। बुलेटिन में कहा गया है।
इसके उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने और शाम और रात के दौरान भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में मछलीपत्तनम और कलिंगापत्तनम के बीच काकीनाडा के आसपास आंध्र प्रदेश के तट को पार करने की आशंका है। इस दौरान हवा की अधिकतम गति 90-100 किमी प्रति घंटा होगी और हवाएं 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।
मौसम वैज्ञानिकों ने झारखंड के लिए चेतावनी जारी करते हुए कहा कि बुधवार को चतरा, गढ़वा, लातेहार और पलामू के कुछ हिस्सों में बहुत भारी बारिश हो सकती है। उन्होंने कहा कि 30 और 31 अक्टूबर को गिरिडीह, कोडरमा, लोहरदगा, बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग, रांची, खूंटी, गुमला, दुमका, गोड्डा, पाकुड़ और साहेबगंज के कुछ हिस्सों में भी भारी बारिश की आशंका है।
टीम एबीएन, रांची। झारखंड में मोंथा चक्रवात का असर दिखने लगा है। मंगलवार की शाम से रांची में झमाझम बारिश हो रही है। झारखंड में 31 अक्टूबर तक विभिन्न हिस्सों में बारिश की संभावना है। जिसका कारण बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात मोंथा है। मौसम विभाग के अनुसार, इस चक्रवाती तूफान के कारण झारखंड के कई जिलों में बारिश होने की संभावना है।
बुधवार को चतरा, गढ़वा, लातेहार और पलामू के कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना जतायी गयी है। वहीं 30 और 31 अक्तूबर को गिरिडीह, कोडरमा, लोहरदगा, बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग, रांची, खूंटी, गुमला के अलावा दुमका, गोड्डा, पाकुड़ और साहेबगंज के कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना है।
एबीएन सेंट्रल डेस्क। मौसम विभाग ने बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात मोंथा के चलते आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तमिलनाडु में 28 से 31 अक्तूबर के बीच भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। हालांकि, राज्य सरकार ने इससे निपटने के लिए व्यापक एक्शन प्लान तैयार कर लिया है।
मौसम विभाग के अनुसार 28 अक्तूबर की शाम काकीनाडा के पास मछिलीपट्टनम और कालिंगपट्टनम के बीच आंध्र तट को पार कर सकता है। इस दौरान हवाओं की रफ्तार 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचने की आशंका है।
आंध्र प्रदेश सरकार ने राहत, खाद्यान्न, ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागों को अलर्ट कर दिया है। राज्य के सभी सरकारी दुकानों में 26 अक्तूबर तक खाद्यान्न की आपूर्ति पूरी कर ली गई है। मंडल स्तर पर पर्याप्त स्टॉक रखा गया है। अन्य राज्यों ने भी राहत व जरूरी सामानों की आपूर्ति की तैयारियां पूरी कर ली हैं।
ओडिशा सरकार ने राज्य में आपदा प्रबंधन की तैयारियां तेज कर दी हैं। मौसम विभाग ने राज्य के सभी 30 जिलों में 28 अक्तूबर से लगातार तीन दिन तक भारी बारिश होने का रेड अलर्ट जारी किया है। राज्य सरकार ने सभी जिलों में जिला प्रशासन, राहत दलों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा है ताकि संभावित भारी बारिश और तेज हवाओं से निपटने के लिए तैयारी पूरी रहे।
बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम की ओर तेजी से बढ़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार से दक्षिण 24 परगना, झारग्राम, पूरबा (पूर्व) और पश्चिम (पश्चिम) मिदनापुर जिलों के कुछ इलाकों में तेज बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं।
28 अक्तूबर को दक्षिण 24 परगना और पूर्व मिदनापुर जिलों में कई जगहों गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है, जबकि इन तटीय जिलों के एक-दो स्थानों पर भारी बारिश (7 से 11 सेंटीमीटर तक) हो सकती है।
29 अक्तूबर को उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हुगली, झारग्राम, पूर्व और पश्चिम मिदनापुर, साथ ही कोलकाता और हावड़ा में भी 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाओं और बिजली गिरने के साथ गरज-चमक वाले बादल छाने की संभावना है।
टीम एबीएन, रांची। रांची में सारे लोग दिवाली को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। लोग अपने घरों में लाइट लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर चुके हैं, लेकिन बस एक ही प्रार्थना कर रहे हैं कि इस बार बारिश न हो, जिससे नवरात्रि की तरह और यह त्यौहार भी बेरंग ना हो जाये। ऐसे में रांची मौसम विभाग का अलर्ट आ गया है। मौसम विभाग के अनुसार दिवाली के दिन आसमान में आंशिक बादल दिखायी देंगे, लेकिन बारिश को होने की कोई संभावना नहीं है।
वहीं, पिछले 24 घंटे में अच्छी खासी ठंड देखने को मिली। शाम के 6 बजे के बाद ही मौसम ने करवट ले लिया और अब आलम ऐसा है कि बिना शॉल का बाहर निकलना लोगों का मुश्किल हो गया है। रांची, खूंटी और लातेहार समेत कई जिलों का न्यूनतम तापमान 14 डिग्री तक पहुंच गया है। वहीं, झारखंड के ज्यादा जिलों का अधिकतम तापमान 31 डिग्री तक पहुंच गया है।
आज खासतौर पर मध्य भाग जैसे रांची, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार और दक्षिणी भाग जैसे पूर्वी व पश्चिम सिंगभूम, सरायकेला खरसावां व सिमडेगा। इन जिलों में आंशिक बादल दोपहर के समय देखा जा सकता है, लेकिन बारिश की संभावना न के बराबर है। आंशिक बादल की वजह से दोपहर में ठंडी हवाएं भी चल सकती हैं।
टीम एबीएन, रांची। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, झारखंड रांची ने 15 अक्टूबर को युवाओं को पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण-मुक्त दिवाली मनाने की प्रेरणा देने के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन जैप सभागार, डोरंडा, रांची में किया। कार्यक्रम में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों जैसे पीसीसीएफ हॉफ अशोक कुमार, (आईएफएस), पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ पारितोष उपाध्याय (आईएफएस), पीसीसीएफ इडी नोडल संजीव कुमार, चेयरमैन बायोडायवर्सिटी बोर्ड, रांची विश्वनाथ शाह, डीएफओ वाइल्डलाइफ अवनीश चौधरी, डीएफओ पब्लिसिटी एंड एक्सटेंशन डिवीजन श्रीकांत वर्मा एवं अन्य अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
कार्यक्रम में प्रसिद्ध पर्यावरणविद् डॉ अभिषेक के रामाधीन एवं अमृता मिश्रा, वैज्ञानिक झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, रांची मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में करीबन 11 स्कूलों एवं कॉलेजों जैसे सेंट एंथोनी स्कूल, बिशप वेस्टकॉट बॉयज स्कूल, नामकुम, फिरायालाल पब्लिक स्कूल, केंद्रीय विद्यालय, एसएस डोरंडा गर्ल्स हाई स्कूल, सेंट पॉल स्कूल, सेंट मार्गरेट गर्ल्स हाई स्कूल, गुरुनानक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेंट जोसेफ हाई स्कूल, विवेकानंद विद्या मंदिर स्कूल एवं मारवाड़ी कॉलेज के 500 से अधिक विद्यार्थियों एवं उनके शिक्षकगणों ने भाग लिया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों को जागरूकता सामग्री भी दिया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वंदना के साथ किया गया। इसके पश्चात दीप प्रज्ज्वलन कर ज्ञान की प्रकाश जो अज्ञानता, नकारात्मक और भ्रम के अंधकार को दूर करने की प्रेरणा देता है इसके लिए दिप प्रज्ज्वलन से सभी को प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम के विषय को ध्यान में रखते हुए एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया जिसमें युवा पीढ़ी कैसे बचा सकती है मां धरती को ध्वनि और वायु प्रदूषण से।
कार्यक्रम में आगे डीएफओ पब्लिसिटी एंड एक्सटेंशन डिवीजन श्रीकांत वर्मा ने सभागार में बैठे सभी का स्वागत करते हुए अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि युवा शक्ति ही परिवर्तन की सबसे बड़ी ताकत है। यदि आज का युवा संकल्प ले ले कि वह इस दिवाली पटाखे नहीं जलायेगा, तो हमारी धरती फिर से मुस्कुरायेगी।
उन्होंने युवाओं को यह संदेश दिया कि आधुनिकता अपनाना बुरा नहीं है, परंतु प्रकृति से जुड़कर चलना ही सच्ची प्रगति है। उन्होंने कहा कि इस दिवाली हर युवा को अपने मित्रों, परिवार और समाज को प्रेरित करना चाहिए कि त्योहार की खुशी धुएं और शोर में नहीं, बल्कि प्रकाश, प्रेम और पर्यावरण की रक्षा में है।
इसके पश्चात पीसीसीएफ हॉफ अशोक कुमार, (आईएफएस) द्वारा सभागार में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मां धरती हमें जीवन देती है, इसलिए उसे सुरक्षित रखना हमारा पहला कर्तव्य है। इस दिवाली, चलो एक दीप जलायें अपने भीतर और अपने वातावरण में शांति का माहौल बनायें।उन्होंने सभी को कुछ सुझाव भी दिये- जैसे पटाखों का बहिष्कार करें : क्योंकि इससे निकलने वाला धुआं हमारे वायुमंडल को जहरीला बना देता है। मिट्टी के दीये जलायें और एलईडी लाइटों का उपयोग करें, जिससे ऊर्जा की बचत होती है। पेड़ लगायें और हरित उपहार दें : पौधे सबसे सुंदर दिवाली गिफ्ट हैं।
इसके अलावा कई स्कूलों जैसे संत एंथोनी स्कूल, विवेकानंद विद्या मंदिर, संत जोसेफ्स स्कूल, केंद्रीय विद्यालय एवं बिशप वेस्टकॉट बॉयज स्कूल, नामकुम के विद्यार्थिओं ने नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता में भाग लिया। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर संत एंथोनी स्कूल, दूसरे स्थान पर बिशप वेस्टकॉट बॉयज स्कूल एवं तीसरे स्थान पर संत जोसेफ्स स्कूल रहे। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित युवाओं ने यह संकल्प लिया कि वे इस वर्ष प्रदूषण-मुक्त दिवाली मनायेंगे और अपने मित्रों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।
टीम एबीएन, रांची। झारखंड की राजधानी रांची में पिछले 24 घंटे में अच्छी खासी कर्कश धूप देखी गयी। आलम यह रहा कि पहले लोग बारिश से बचते दिखे, तो अब कड़ी धूप से बच रहे हैं। वहीं, शुक्रवार को सबसे अधिक वर्षा 20 मिमी पलामू में दर्ज की गयी।
यहां दिनभर रुक-रुककर बारिश होती रही। ऐसे में झारखंड का मौसम काफी साफ रहा। झारखंड में सबसे अधिक तापमान 34.4 गोड्डा में रहा। वहीं, सबसे न्यूनतम तापमान 18.6 लातेहार में दर्ज किया गया। अगले 24 घंटे के बाद झारखंड से मॉनसून की विदाई होने की संभावना है।
रांची मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे के बाद झारखंड के पश्चिम और पश्चिमोत्तर भाग स्थित प्रदेशों से बादल छटेंगे। वहीं, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का मौसम पूरी तरह साफ हो जायेगा। इसके बाद बिहार समेत झारखंड से भी मानसून की पूरी तरह से विदाही हो जायेगी।
एबीएन न्यूज नेटवर्क, पलामू। तीन महीने के बाद झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले बेतला नेशनल पार्क को पर्यटन गतिविधि के लिए खोल दिया गया है। गाइडलाइन के अनुसार से 1 जुलाई से 30 सितंबर तक पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में पर्यटन गतिविधि पर रोक लगा दी जाती है।
नवरात्र को देखते हुए बेतला नेशनल पार्क और पलामू टाइगर रिजर्व में पर्यटन गतिविधि की शुरुआत 27 सितंबर से होने वाली थी, लेकिन पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में पिछले कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही थी। इस कारण पार्क और पलामू टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले कई सड़कें टूट गई हैं, जबकि जलाशयों में पानी भरा हुआ है।
इस संबंध में पलामू टाइगर रिजर्व के उप निदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि बारिश के कारण कई सड़कें टूट गई हैं। इलाके में निगरानी रखी जा रही है। सड़कों की मरम्मत करायी जा रही है। पर्यटकों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है। पर्यटकों को इस बार थोड़ा इंतजार करना पड़ा है।
दरअसल, पलामू टाइगर रिजर्व 1149 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और बेतला नेशनल पार्क पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र है। ठंड के दौरान 45,000 से भी अधिक पर्यटक यहां घूमने के लिए पहुंचते हैं।
एबीएन सेंट्रल डेस्क। मानसून एक बार फिर सक्रिय होने वाला है। रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के पास स्थित मौसम केंद्र के मौसम वैज्ञानिक सतीश चंद्र मंडल ने यह जानकारी दी है। उन्होंने यह भी बताया है कि अगले 5 दिन तक झारखंड का मौसम कैसा रहने वाला है।
मौसम वैज्ञानिक सतीश चंद्र मंडल ने कहा है कि 30 सितंबर को उत्तरी अंडमान सागर में एक अपर एयर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने की संभावना है। इसके प्रभाव से 1 अक्टूबर 2025 को बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसका असर झारखंड पर भी देखने को मिलेगा।
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि मौसमी प्रणाली के प्रभाव से 2 और 3 अक्टूबर को झारखंड राज्य के लगभग सभी जिलों में हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा होगी। कुछ जिलों में भारी वर्षा होने की भी संभावना है। उन्होंने जनता से अनुरोध किया है कि वे इन दो दिनों में आवश्यक सावधानी बरतें। सतर्क रहें, क्यों तेज हवाएं भी चल सकतीं हैं।
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