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Published / 2025-12-06 21:46:20
वाईएमसीए कांटा टोली में हुआ सर्वधर्म सम्मेलन

टीम एबीएन, रांची। वाईएमसीए के तत्वावधान में कांटाटोली स्थित वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर, वाई.एम.सी.ए. कांटाटोली के प्रांगन में एक दिवसीय सर्वधर्म सम्मेलन का आयोजन शनिवार सुबह 12 बजे अपराहन से किया गया जिसका मूल विषय आपसी सौहार्द क्यों और कैसे था। सम्मेलन में इसाई समुदाय से रेवरेन अनूप इंदवार, मुस्लिम समुदाय से मुफ्ती जमील  अहमद मिस्बाही साहेब ( नायाब जफी,  अदारा शरीया, रांची ) तथा ब्राह्मण समाज से श्रीमान मनोज कुमार पांडे (कन्वेनर, ब्राह्मण समाज एंड सोशल एक्टिविस्ट, रांची) मुख्य वक्ता के रूप में आये थे। 

पहले सत्र में वाई.एम.सी.ए के प्रोग्राम कोआॅर्डिनेटर मोहम्मद मिनहाज ने चारों गणमान्य वक्ताओं संग सभी प्रतिभागियों का हार्दिक अभिवादन किया। वक्ताओं का विशेष स्वागत गुलदस्ता देकर किया गया। कार्यक्रम की पहली पाली में वाई.एम.सी.ए. के महासचिव श्री चोन्हास कुजूर ने वाई.एम.सी.ए. के कार्यों, उद्देश्यों तथा गतिविधियों के बारे में संक्षिप्त जानकारियां दी। 

उन्होंने बताया कि वाईएमसीए पिछले 50 वर्षों से रांची शहर के 16 तंग बस्ती, झुग्गी झोपड़ी के लिए सामुदायिक विकास कार्यों को करते आ रही है; विशेषकर शिक्षा, स्वास्थ्य, नशा उन्मूलन, महिला सशक्तिकरण, स्वरोजगार प्रशिक्षण के द्वारा संबंधित लोगों को जागरूक करने का काम किया है। उसके पश्चात् वाई.एम.सी.ए. के वर्तमान अध्यक्ष विनय जॉन ने वाई.एम.सी.ए. को सभी समुदाय के लिए एक ऐसा मंच बताया जो सभी समुदाय और धर्मों को एक समान सम्मान, एकजुटता और आदर देने की पहल करता है। 

इसके बाद मुख्य वक्ताओं में से सबसे पहले ब्राह्मण समाज से श्रीमान मनोज कुमार पांडे जी ने अपनी बातों को रखते हुए हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई आपस में हम सब भाई भाई नारा दिया। उन्होंने अपने शब्दों में वाई.एम.सी.ए. रांची को आशीर्वाद देते हुए उसकी उन्नति की कामना की। उन्होंने जीवन की वास्तविक व्यवहार के द्वारा आपसी सौहार्द को बनाए रखने के उदाहरण प्रस्तुत किये। उन्होंने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि हमें किसी भी धर्म का अपमान नहीं करना चाहिए। 

हम किसी भी धर्म के हो लेकिन शिक्षा लेने से पहले हम गुरुओं के धर्म को नहीं देखते और यह एक तरह का कुशल व्यवहार है जिससे हम आपसी सौहार्द को बढ़ाने का काम करते है। एक ही स्कूल में भिन्न भिन्न धर्म के लोग पढ़ते हैं, एक ही अस्पताल में भिन्न भिन्न धर्म के बच्चे पैदा होते है, जो यह दशार्ता है कि ईश्वर हमें आपसी सौहार्द के साथ जीवन जीने के उद्देश्य और प्रेरणा के साथ इस धरती में भेजा है। 

उन्होंने यह भी कहा कि आपसी सौहार्द और प्रेम को बनाए रखने के लिए हर माता पिता को अपने बच्चे को दूसरे धर्म का सम्मान करना सिखाना चाहिए और तभी केवल समाज आपसी सौहार्द और भाईचारे की प्रीति में बना रहेगा। इसके बाद इसाई समुदाय से आये वक्ता रेवरन अनूप इंदवार ने कहा कि हम सब भारतीय है और भिन्न भिन्न धर्म के लोग इस देश की खूबसूरती है। 

हम सभी अलग अलग धर्म और समुदाय को मानते हुए भी दूसरे धर्म को सम्मान देते है। उन्होंने यह भी कहा कि एक ही गांव और एक ही शहर में भिन्न भिन्न धर्म के लोग एक साथ रहते है। लेकिन कुछ असामाजिक तत्व और कुरूप मानसिकता वाले थोड़े लोग है जो आपसी धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहते है। लेकिन उसके विपरीत एक बड़ा समुदाय है जो यह यह चाहता है कि सभी धर्म के लोग इस भारत देश में प्रेम, भाईचारा और सौहार्द के साथ रहे। 

और यही बात इस देश की खूबसूरती है। उन्होंने बाइबल में से उत्पत्ति की किताब 1 अध्याय और उसके 27 पद का उल्लेख करते हुए कहा कि ईश्वर ने हम सब मनुष्य को अपनी खुद की समानता में बनाया है, ताकि हम सब मनुष्य एक दूसरे में ईश्वर के रूप को देखने का प्रयास करते हुए जीवन जीए। ऐसा करने से हम सब मनुष्य दूसरे धर्म के साथ सौहार्द से रहना सीख सकते है। उन्होंने मदर टेरेसा का उदाहरण देकर कहा कि मदर टेरेसा ने सभी धर्मों के बीच अपनी सेवा प्रदान की। 

साथ ही उन्होने अपनी बातों में यह भी कहा कि एक पेड़ जब बड़ा होता है और फलदार और छायादार हो जाता है तब उसकी छाया देने लिए के या उसके फल को देने से पहले वो पेड़ किसी से धर्म और और जात नहीं पूछता है। और जब ईश्वर की बनाई सृष्टि ही हमें परस्पर सौहार्द और प्रेम भाईचारा के साथ रहने की प्रेरणा देता है तो फिर हम कौन है जो धर्म की आड़ में आपसी सौहार्द को बिगाड़ना चाहते है। 

निश्चय धर्म केवल और केवल मनुष्य की भलाई ही सिखाता है।  बाईबल की शुरूवात में ही लिखा है कि परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप और समानता में बनाया और जब परमेश्वर ने सभी मनुष्य को एक समानता में बनाया है तो फिर हम आपसी भेदभाव क्यों करे? इसके बाद मुस्लिम समाज से मुफ्ती जमील अहमद जी ने अपनी बातों की शुरूवात करते हुए कहा कि धर्म सब चीजों से ऊपर होता है लेकिन धर्म यह सिखाता है कि हम हर एक इंसान को इज्जत दे। 

उन्होंने कहा कि घर से ही समाज बनता है और अगर घर से मिलने वाली शिक्षा में कमी होगी तो समाज बनने में उस घर के लोगों का योगदान भी अयोग्य होगा। हम सभी धर्म के लोगों को अपने अपने धर्म की इबादत करते हुए दूसरे धर्म के साथ आपसी सौहार्द बनाए रखना है। अगर हम अपने खुद के धर्म के प्रति ईमानदार और विश्वासयोग्य नहीं है तो फिर हम दूसरे धर्म के लोगों के साथ सौहार्द कैसे बना सकेंगे। उन्होंने फेथ आफ रिलीजन, लिविंग विथ सोसाइटी इन यूनिटी की बात को बड़े गहराई के साथ बताया। 

उन्होंने यह भी बताया कि आपसी सौहार्द के बिना न कोई घर, न कोई कसबा और न ही कोई देश टिका रह सकता है। इसके बाद सर्वधर्म समभाव के अध्यक्ष मोहम्मद इस्लाम जी को भी मंच में बोलने मौका दिया गया और उन्होंने भी बड़े खूबसूरती के साथ अपने वक्तव्य को शुरू करते हुए कहा कि इस मुल्क में ऐसी फिजा बने कि मंदिर गिरे तो दर्द मुसलमान को भी हो। इन्हों अपनी बातों में सभी धर्म के लिए सम्मान और मोहब्बत की बात कही जिससे धार्मिक सौहार्द आपस में और मजबूत हो। 

उन्होंने यह भी कहा जैसे हवा सभी समुदाय के बीच में बहा करती है और सभी को सांस देती है, सूरज की रौशनी सभी धर्म के लोगों पर अपनी रौशनी बिखेरता है, नदी का जल सभी धर्म और समुदाय के लोगों के बीच से बहता है और ये सभी ईश्वर की बनाई हुई रचना है जो अपने अपने तौर तरीकों से लोगों के बीच में एकता बनाये रखने का पैगाम देता है। ये हवा, नदी का जल, सूरज की रौशनी किसी से उसका मजहब नहीं पूछता है बस अपना काम बिना पक्षपात किए जाता है। 

साथ ही साथ अकीलूर रहमान (सेंट्रल मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष) जी ने भी इस संदर्भ में अपनी बात को रखा और कहा कि सभी धर्म का अपना विशेष महत्व है लेकिन अगर धार्मिक और सामाजिक सौहार्द को बढ़ाना है तो हमें धर्म से भी ऊपर उठकर कार्य और व्यवहार करना आना चाहिए। हमें परस्पर मिलकर सभी धर्मों और समाज के निचले स्तर के लोगों के उत्थान के लिए कार्य करना चाहिए। हमें समाज के पिछड़े वर्गों के बीच काम करना चाहिए ताकि सभी समुदाय के पिछड़े हुए लोग भी समाज में अपना स्थान प्राप्त कर सके और जब हम किसी एक इंसान के उत्थान और हित के लिए कुछ बेहतर करने के प्रयास करते है तो हम आपसी सौहार्द, प्रेम को बढ़ाने की दिशा में कार्य करते है। 

अंत में वाई.एम.सी.ए, रांची के सचिव श्री आशीष टोपनो जी ने सभा में आए सभी वक्ता संग अथितियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किए। सम्मेलन में 210 लोग शामिल थे। इस सम्मेलन को सफल बनाने में वाईएमसीए के महासचिव चोनहास कुजूर, एसोसिएट जेनरल सेक्रेटरी मनोज बागे, सचिव आशीष टोपनो, प्रोग्राम कोआर्डिनेटर मोहम्मद मिनहाज, प्रोजेक्ट मैनेजर शीतल केरकेट्टा, जर्मन वालंटियर सलोमे उम्लाफ, समाज सेवक मुमताज कुरेशी, सहायक प्रोजेक्ट को-आर्डिनेटर मिसेज सुमन भेंगरा गुड़िया, अदारा सरिया के महासचिव एवं वरीय समाज सेवक जनाब अकिलुराहमान साहब तथा सभी स्टाफ की सम्पूर्ण भागीदार रही।

Published / 2025-12-05 19:21:17
गायत्री परिवार साधकों ने की मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर कई अनुष्ठानों की महापूर्णाहुति

एबीएन सोशल डेस्क। गायत्री परिवार साधकों ने अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय स्तर पर आनलाइन अपने गृहे गृहे तपोवन में मार्गशीर्ष में नौ- दिवसीय अनुष्ठान,अखंड ज्योति, कलश-स्थापन व गुरु-ईश व देवपूजन-अर्चन कर जप-अनुष्ठान समूह, स्वाध्याय पाठ-संवाद समूह के साथ 9 दिवसीय जप-अनुष्ठान किए। 

इसमें जपसाधना, मंत्र लेखन, मोक्षदा एकाशी सह श्रीगीता जयन्ती पर एकादशी व्रत-उपवास, श्रीगीता पाठ, अगहन पूर्णिमा पर जप-अनुष्ठान सह दत्तात्रेय जयन्ती आदि पर्व पर पूजन व मंगलमय स्वस्तिवाचन सहित 24 घंटे का अखंड जप-अनुष्ठान कर सायंकाल दीपयज्ञ से पूर्णाहुति सानन्द, सोल्लास संपन्न किए। 

यह अखंड जप-अनुष्ठान कार्यक्रम आज सुबह 5 बजे पूर्ण हुआ। समूह संचालन प्रतिनिधि ने बताया कि पिछले कई गत वर्षों से चल रही हम सबकी अखंड जप की मासिक  साधना का यह  विशेष पर्व महत्वपूर्ण  है। साथ ही यह  युग निर्माण के निमित्त किये जा रहे अखण्ड पूर्णिमा जप साधना की बढ़ रही नई उल्लास भरी आवृत्ति भी है। 

गुरुसत्ता की सूक्ष्म उपस्थति,संरक्षण और आशीर्वाद से युगनिर्माण के निमित्त श्रृंखलाबद्ध, प्रत्येक पूर्णिमा को 24 घण्टे के लिए आयोजित ऑनलाइन, अखंड जप में सम्मिलित यह भावभरा आमंत्रण आप सबको प्रणाम सहित सादर निवेदित है कि इस दैवीय योजना में घर बैठे- बैठे जप करते हुए सहयोग करें और दुःख-संताप से त्रस्त दुनिया में सुख-शांति एवं सभी के आत्मनिर्माण और कल्याण की कामना के साथ, सबके लिए सद्बुद्धि व सबके लिए उज्ज्वल भविष्य की प्रार्थना भाव के साथ आप सभी अपने बहुमूल्य समय का एक अंश नव युगनिर्माण हेतु अवश्य देने का संकल्प करें। 

हम सब में आत्मीय भावना का विस्तार एवं अनुशासित जीवन जीने की कला का विकास हो, इसी भाव के साथ  महामृत्युंजय मंत्र एवं चंद्र गायत्री मंत्र का जप भी आवश्यक रूप से अपनी सुविधानुसार सम्मिलित कर  पूर्णाहुति सोल्लास संपन्न अग्निहोत्र अथवा दीपयज्ञ से संपन्न किया गया। उक्त जानकारी गायत्री परिवार के समूह संचालन प्रतिनिधि सुनीता उपाध्याय और जय नारायण प्रसाद ने दी।

Published / 2025-12-04 21:35:59
मंगल राधिका सदानंद सेवा धाम में मनायी गयी अन्नपूर्णा जयंती

वातावरण सेवा समर्पण और मानवीयता की भावना से रहा ओत प्रोत  

एबीएन सोशल डेस्क। अन्नपूर्णा जयंती के पावन अवसर पर श्री कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट द्वारा संचालित पीड़ित मानव सेवा के पावन तीर्थ स्थल मंगल राधिका सदानंद सेवा धाम पुंदाग के सद्गुरु कृपा अपना घर आश्रम में एक विशेष सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आश्रम विगत दो वर्षों से मंदबुद्धि, दिव्यांग एवं निराश्रितजनों के लिए सेवा, सहयोग और संरक्षण का केंद्र बना हुआ है। 

अन्नपूर्णा जयंती के शुभ दिन पर ट्रस्ट ने अपनी परंपरागत सेवा भावना को आगे बढ़ाते हुए आश्रम में निवासरत सभी दिव्यांग एवं निराश्रित व्यक्तियों को स्नेहपूर्वक विभिन्न व्यंजनों के साथ अन्नपूर्णा सेवा भोजन कराया। श्री राधा कृष्ण प्रणामी मंदिर के पुजारी पंडित अरविंद पांडे ने विधिवत पूजा अर्चना कर अन्नपूर्णा प्रसाद एवं खिचड़ी भोग का भोग लगाया। तत्पश्चात सैकड़ो श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों के बीच खिचड़ी भोग का वितरण भी किया गया।

वातावरण सेवा, समर्पण और मानवीयता की भावना से ओतप्रोत रहा। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल एवं ट्रस्ट के प्रवक्ता संजय सर्राफ ने कहा कि माता अन्नपूर्णा को भोजन एवं समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। उनकी जयंती पर जरूरतमंदों को भोजन कराना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं को भी सशक्त बनाता है।

दोनों वक्ताओं ने बताया कि सेवा धाम ट्रस्ट का मूल उद्देश्य समाज के उन वर्गों तक सहयोग पहुंचाना है, जिनके जीवन में सहारा और सुरक्षा की सबसे अधिक आवश्यकता है। ट्रस्ट द्वारा संचालित सद्गुरु कृपा अपना घर आश्रम इसी उद्देश्य की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जहां न केवल भोजन और निवास की सुविधा उपलब्ध है, बल्कि नियमित देखभाल एवं सम्मानजनक जीवन का वातावरण भी प्रदान किया जाता है। 

अन्नपूर्णा जयंती पर आयोजित यह सेवा कार्यक्रम ट्रस्ट की मानवीय प्रतिबद्धता और समाज के प्रति दायित्व का सशक्त उदाहरण प्रस्तुत करता है। इससे न केवल जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान आयी, बल्कि समाज में सेवा और करुणा के संदेश को भी बल मिला। उक्त जानकारी श्री कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट सह सद्गुरु कृपा अपना घर आश्रम के प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय सर्राफ ने दी।

Published / 2025-12-04 21:30:47
श्री सर्वेश्वरी समूह रांची शाखा ने मनाया आदिगुरु भगवान दत्तात्रेय जयंती

परमपूज्य अघोरेश्वर भगवान राम महाविभूति कलश एवं चरण पादुका स्थापना दिवस सह आदिगुरु भगवान दत्तात्रेय जयंती में दो दिवसीय कार्यक्रम क आयोजन 

टीम एबीएन, रांची। गुरुवार को श्री सर्वेश्वरी समूह - शाखा रांची (औघड़ भगवान राम आश्रम, अघोर पथ, रांची) में परमपूज्य अघोरेश्वर भगवान राम महाविभूति कलश एवं चरणपादुका स्थापना दिवस सह आदिगुरु भगवान दत्तात्रेय जयंती के उपलक्ष्य पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।  

कार्यक्रम में नारायणपुर, छत्तीसगढ़ से आये पूज्य उत्साही राम जी के द्वारा परमपूज्य अघोरेश्वर स्मृति स्थल पर आरती-पूजन कर अघोरान्ना परो मंत्र: नास्ति तत्त्वं गुरौ परम का अष्टयाम संकीर्तन का शुभारंभ किया गया। ज्ञात हो कि संकीर्तन 24 घंटे तक अखंड चलेगा और कल प्रात: 9 बजे समापन होगा।  

इसके उपरांत एक दिवसीय नि:शुल्क चिकित्सा एवं दवा वितरण शिविर भी आयोजित किया गया जो की प्रात: 10 बजे से संध्या 4 बजे तक चला। चिकित्सा शिविर में कुल 206 रोगियों को नि:शुल्क चिकित्सीय परामर्श एवं दवा वितरण किया गया। 

चिकित्सा शिविर में डॉ. एस. एन. सिन्हा, डॉ. रंजन नारायण, डॉ. शंकर रंजन, डॉ. रोहित सिंह, डॉ. उत्पल कुमार, डॉ. सौरभ सिंह एवं डॉ. स्मृति कुमारी ने चिकित्सीय सेवा प्रदान किया।  

चिकित्सा शिविर में रक्त जांच की भी सुविधा दी गयी जिसमे ब्लड शुगर, हेमोग्लोबिन, लिपिड प्रोफाइल, यूरिक एसिड इत्यादि का लाभ लोगों ने उठाया। रक्त जांच की सुविधा एल्केम लैबोरेट्रीज के द्वारा की गयी थी। 

शुक्रवार को प्रात: 9 बजे अष्टयाम संकीर्तन के समापन के बाद लघु गोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। साथ ही रात्रि 10 बजे नगर में घूमकर जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण कर दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन किया जायेगा। कार्यक्रम में जमशेदपुर, गुमला, घाघरा, धनबाद इत्यादि शाखाओं से भी श्रद्धालु सदस्यगण सम्मलित हुए।

Published / 2025-12-03 21:08:30
आश्रम में सेवा की भावना प्रेरणादायी, समाज को बनाते हैं मजबूत : गोपाल शर्मा

टीम एबीएन, रांची। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के झारखंड प्रांतीय प्रचारक गोपाल शर्मा तथा समाजसेवी एवं व्यवसायी पंकज पोद्दार ने श्री कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट द्वारा संचालित पुंदाग, रांची स्थित झारखंड के सबसे विशाल श्री राधा कृष्ण प्रणामी मंदिर एवं सद्गुरु कृपा अपना घर आश्रम का भ्रमण किया। उनके आगमन पर मंदिर परिसर में हार्दिक स्वागत किया गया।

मंदिर के पुजारी पंडित अरविंद पांडे ने दोनों अतिथियों को अंगवस्त्र ओढ़ाकर एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने मंदिर परिसर की भव्यता आध्यात्मिक शांति और सुव्यवस्थित व्यवस्था की सराहना की। अतिथियों ने गर्भगृह में दर्शन कर पूजा-अर्चना की तथा ट्रस्ट द्वारा संचालित विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक गतिविधियों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। 

भ्रमण के क्रम में गोपाल शर्मा एवं पंकज पोद्दार सद्गुरु कृपा अपना घर आश्रम पहुंचे, जहां उन्होंने आश्रम में रह रहे दिव्यांग एवं निराश्रित जनों से मिलकर उनका हालचाल जाना। अतिथियों ने आश्रम से दी जा रही सुविधाओं-नि:शुल्क भोजन, आवास, उपचार, देखभाल एवं पुनर्वास प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यहां सेवा की जो भावना दिखाई देती है, वह समाज के लिए प्रेरणादायी है। 

उन्होंने ट्रस्ट सदस्यों एवं सेवकों के समर्पण को विशेष रूप से प्रशंसनीय बताया। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल तथा प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी संजय सर्राफ ने अतिथियों का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि सद्गुरु कृपा अपना घर आश्रम आर्थिक रूप से कमजोर, असहाय एवं परित्यक्त लोगों के जीवन में नई उम्मीद जगाने का प्रयास कर रहा है। 

उन्होंने समाज के सक्षम लोगों से सहयोग और सहभागिता की अपील करते हुए कहा कि जनसहयोग बढ़ने से आश्रम की सेवाओं को और विस्तार दिया जा सकेगा।भ्रमण के उपरांत गोपाल शर्मा ने कहा कि ऐसे सेवा कार्य ही समाज को मजबूत बनाते हैं। उन्होंने ट्रस्ट को भविष्य में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया और अधिक से अधिक लोगों को इस सेवा से जुड़ने की प्रेरणा दी। उक्त जानकारी श्री कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट के प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय सर्राफ ने दी।

Published / 2025-12-03 21:07:48
श्री धोली सती दादी जी के महोत्सव का भव्य आयोजन

मंगल पाठ एवं भजन संध्या मे खूब झूमे दादी भक्त  

मेरी दुख हर लेती मेरी धोली सती दादी मां.... 

टीम एबीएन, रांची। सर्राफ भवन, काली मंदिर रोड डोरंडा रांची स्थित मनोज सर्राफ के आवास पर श्री धोली सती दादी जी का महोत्सव अत्यंत शानदार और श्रद्धा-भाव से संपन्न हुआ। पूरा परिसर दादी जी के जयकारों, भजनों और दिव्य आस्था से सराबोर रहा। भक्तों की बड़ी उपस्थिति के बीच महोत्सव भक्ति तथा संस्कृति की अनूठी छटां प्रस्तुत करता रहा। 

कार्यक्रम की शुभारंभ मनोज सर्राफ ने अपनी धर्मपत्नी उर्मिला सर्राफ के साथ विधिवत पूजा-अर्चना, वैदिक मंत्रोच्चार, अखंड ज्योत प्रज्वलन एवं भोग अर्पण कर की। दंपति ने दादी जी से परिवार, समाज तथा राष्ट्र की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। महोत्सव के मुख्य आकर्षणों में दादी जी का भव्य, नयनाभिराम एवं अलौकिक श्रृंगार विशेष रहा। 

लाल-पीले आभूषणों, चमचमाते परिधानों, पुष्पमालाओं और रजत कलशों से सजी दादी जी की प्रतिमा दर्शनीय थी। भक्तों ने दर्शन कर आत्मिक शांति का अनुभव किया। श्रृंगार के उपरांत प्रसाद महाभोग का आयोजन किया गया, जिसमें छप्पन भोग, फल, मेवे, मिठाइयां एवं पारंपरिक व्यंजन अर्पित किए गए। अखंड ज्योत पूरे कार्यक्रम के दौरान प्रज्ज्वलित रही, जिसे शुभता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। 

कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा मंगल पाठ व भजन-कीर्तन, जिसमें श्री धोली सती दादी महिला समिति की सदस्यों शशि सर्राफ, शारदा पोद्दार एवं सविता सर्राफ ने अपनी मधुर वाणी से आध्यात्मिक वातावरण को और अधिक भव्य बना दिया। उनके द्वारा प्रस्तुत भजनों- रंग बरसे दादी के दरबार में..., मेरा हर दुख हर लेती मेरी धोली सती दादी, जय-जय धोली सती सती, मैया कर दो कृपा... जैसे सुमधुर गीतों ने उपस्थित भक्तों को श्रद्धा और भक्ति रस में डूबो दिया। 

भक्तों ने तालियों और गूंजते जयकारों के साथ भजनों का आनंद लिया। कई भक्त भक्ति में झूमते, नृत्य करते और दादी जी के चरणों में नतमस्तक होते दिखाई दिये। समिति की महिलाओं ने दादी जी की महिमा और उनके चमत्कारों से जुड़े प्रेरक प्रसंग भी सुनाये, जिन्हें सुनकर भक्तों में आस्था और मजबूत हुई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं, युवा और वरिष्ठजन शामिल हुए। 

सभी ने दादी जी से प्रार्थना की कि वह परिवारों में शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीष बनाये रखें। महोत्सव के अंत में भक्तों के बीच महाप्रसाद वितरित किया गया। मनोज सर्राफ परिवार ने आगंतुकों का आभार जताते हुए कहा कि दादी जी की कृपा से आगे भी भक्ति, एकता और सामाजिक सद्भाव का संदेश देता रहेगा। 

मौके पर राम नारायण सर्राफ, गीता देवी सर्राफ, उर्मिला सर्राफ, शशि सर्राफ, मंजू सर्राफ, मधु सर्राफ, कान्ता सर्राफ, अनुराधा सर्राफ, करुणा बागला, संचिता सर्राफ, सुनीता सर्राफ, सविता सर्राफ, मनीषा सर्राफ, शारदा पोद्दार सहित बड़ी संख्या में दादी भक्त उपस्थित थे। उक्त जानकारी श्री धोली सती दादी प्रचार समिति के प्रवक्ता संजय सर्राफ ने दी।

Published / 2025-12-03 21:06:47
कल धूमधाम से मनायी जायेगी मां अन्नपूर्णा जयंती

भोजन ईश्वर का वरदान है- इसे सम्मान दे,बांटें और जरूरतमंदों तक पहुंचायें : संजय सर्राफ 

एबीएन सोशल डेस्क। झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के संयुक्त महामंत्री सह प्रवक्ता एवं श्री कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट के प्रवक्ता संजय सर्राफ ने कहा है कि अगहन माह में अन्नपूर्णा माता की पूजा का विशेष महत्व है, हर वर्ष मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को मां अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष अन्नपूर्णा जयंती 4 दिसंबर दिन गुरुवार को मनायी जायेगी। 

अन्न और समृद्धि की देवी मां अन्नपूर्णा का यह पर्व भारत में बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। अन्नपूर्णा का अर्थ है-अन्न से पूर्ण कराने वाली देवी, यानी वह शक्ति जो संसार को जीवनदायी भोजन प्रदान करती है। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा,अन्नदान और भंडारे का आयोजन किया जाता है।यह पर्व मानव जीवन में अन्न के महत्व को स्मरण कराता है। 

हिंदू दर्शन में अन्न को ब्रह्म कहा गया है क्योंकि भोजन ही शरीर, मन और जीवन का आधार है। मां अन्नपूर्णा को अन्न, धान्य, पोषण, वैभव और दया की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। जयंती के दिन उपवास व पूजन कर लोग जीवन में अन्न की निरंतर प्राप्ति और समृद्धि की कामना करते हैं। साथ ही, अन्नदान को सर्वोच्च दान माना गया है, इसलिए भक्त इस दिन गरीब व जरूरतमंदों को भोजन वितरित करते हैं।

पौराणिक मान्यता के अनुसार एक समय ऐसा हुआ जब भगवान शिव ने माता पार्वती के सामने कहा कि संसार का सब कुछ मिथ्या है, यहां तक कि भोजन भी। शिव की यह बात पार्वती को अच्छी नहीं लगी। माता ने यह समझाने के लिए कि अन्न का जीवन में कितना महत्व है, पूरे संसार से अन्न को अदृश्य कर दिया। देखते ही देखते सृष्टि में अकाल पड़ गया, जीव-जंतु, मनुष्य सभी संकट में पड़ गये। कहीं भी अन्न का एक दाना तक उपलब्ध न रहा। 

जब भगवान शिव ने संसार में व्याप्त संकट को देखा, तब उन्हें अपनी भूल का अहसास हुआ और वे माता पार्वती से क्षमा मांगने पहुंचे। उस समय माता पार्वती ने अन्नपूर्णा स्वरूप धारण कर लिया था। उन्होंने काशी (वाराणसी) में सोने के कलश से भगवान शिव को स्वयं अपने हाथों से अन्न परोसा। तभी से देवी अन्नपूर्णा को भोजन की अधिपति शक्ति माना गया और यह विश्वास स्थापित हुआ कि संसार में अन्न की धारा माता अन्नपूर्णा की कृपा से ही चलती है।

इस दिन अन्नपूर्णा मंदिरों में विशेष आरती होती है। घरों में चावल, गेहूं आदि प्रमुख अन्नों का पूजन किया जाता है। लोग संकल्प लेते हैं कि वे भोजन का सम्मान करेंगे और किसी भी रूप में अन्न का अपमान या अपव्यय नहीं करेंगे। जनमानस में यह भी विश्वास है कि इस दिन अन्नदान करने से घर में कभी अभाव नहीं होता। 

मां अन्नपूर्णा जयंती केवल धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि समाज को खाद्य सुरक्षा, अन्न का संरक्षण और वसुधैव कुटुंबकम् की भावना से प्रेरित करने वाला अवसर है। इस दिन का सार यही है कि भोजन ईश्वर का वरदान है-इसे सम्मान दें, बांटें और जरूरतमंदों तक पहुंचायें।

Published / 2025-12-02 20:57:36
श्री श्याम बाबा को लगा खीर-चूरमा का भोग

एबीएन सोशल डेस्क। श्री श्याम मंडल, रांची ने अग्रसेन पथ स्थित श्री श्याम मंदिर में आज दिनांक 2 दिसंबर 2025 को खाटू नरेश श्याम बाबा को चांदन द्वादशी के पावन अवसर पर संध्या 6:30 से 9 बजे तक श्री श्याम प्रभु को खीर चूरमा का भोग अर्पित किया गया।  आज के भोग के मुख्य यजमान गोविंद अग्रवाल एवं सुमन ने अपने परिवार  के साथ श्री श्याम बाबा को भोग अर्पित किया। 

सर्वप्रथम मंडल अध्यक्ष चंद्र प्रकाश बागला, मंत्री धीरज बंका और अग्रवाल परिवार ने गणेश पूजन कर मंदिर में विराजे वीर बजरंगबली एवं शिव परिवार का भी पूजन कर विभिन्न प्रकार के फल एवं मिष्ठान अर्पित कर श्री श्याम प्रभु को खीर चूरमे का भोग अर्पित किया। मौके पर पूरा मंदिर परिसर हारे के सहारे की जय-लखदातार की जय जयकारों के गूंज उठा। 

द्वादशी के दिन श्री श्याम प्रभु का प्रिय भोग खीर चूरमा लेने भक्तगण कतारबद्ध होकर प्राप्त कर रहे थे। साथ ही श्री श्याम मंडल के कार्यकर्ता आये हुए भक्तजनों को शुद्ध पेयजल का वितरण कर रहे थे तथा उनकी चरण पादुका रखने की उत्तम व्यवस्था बनी हुई थी। आज के खीर चूरमा का भोग श्री श्याम मंदिर में ही निर्मित किया गया तथा 500  से ज्यादा भक्तजनों प्रसाद प्राप्त किया। 

कार्यक्रम को सफल बनाने में विकाश पाड़िया, प्रदीप अग्रवाल, प्रियांश पोद्दार, संजय सारस्वत, अजय साबू, प्रमोद बगड़िया, महेश सारस्वत, अमित जलान  का सहयोग रहा। उक्त जानकारी श्री श्याम मंडल श्री श्याम मंदिर, अग्रसेन मार्ग रांची के मीडिया प्रभारी सुमित पोद्दार (9835331112) ने दी।

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