विश्व बैंक का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में उम्मीद से ज्यादा सुधार दिखा है। इसने पिछले एक साल साल में महामारी और लॉकडाउन से उबरकर आश्चर्यजनक रूप से वापसी की है। हालांकि, खतरा अभी टला नहीं है। विश्व बैंक ने रिपोर्ट में कहा, 2021-22 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.5 फीसदी से 12.5 फीसदी के बीच रह सकती है। हालांकि, यह इस पर निर्भर करेगी कि टीकाकरण अभियान कैसे आगे बढ़ रहा है, कौन से नए प्रतिबंध लगाए जाते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था कितनी जल्दी ठीक हो जाती है। दक्षिण एशिया आर्थिक फोकस रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी के सामने आने से पहले ही अर्थव्यवस्था सुस्त थी। भारत में हर किसी को टीका लगाना सबसे बड़ी चुनौती विश्व बैंक के दक्षिण एशिया के मुख्य अर्थशास्त्री हंस टिमर ने कहा, यह आश्चर्यजनक है कि भारत एक साल पहले के मुकाबले कितना आगे आ गया है। एक साल पहले मंदी कितनी गहरी थी। लेकिन, अब कारोबारी गतिविधियां खोल दी गई हैं। टीकाकरण शुरू हो गया है। हालांकि, भारत में हर किसी को टीका लगाना भी सबसे बड़ी चुनौती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दामों में भारी तेजी है. भारत में बड़े पैमाने पर सरसों तेल का इस्तेमाल होता है. लेकिन इस बार सरसों की नई आवक के बावजूद इसके दाम घटे नहीं है घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के दाम काफी बढ़ गए हैं. पिछले साल की तुलना में इस साल खाद्य तेलों कीमतों में अब तक 80 फीसदी तक कीमतों में बढ़ोतरी हो चुकी है. दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दामों में भारी तेजी है. भारत में बड़े पैमाने पर सरसों तेल का इस्तेमाल होता है. लेकिन इस बार सरसों की नई आवक के बावजूद इसके दाम घटे नहीं है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें ज्यादा होने की वजह से आयातक ऊंचे भाव पर खाद्य तेलों का बड़े पैमाने पर आयात करने से बच रहे हैं. फरवरी में खाद्य तेलों का आयात 27 फीसदी घटकर 7.96 लाख टन रह गया. जबकि चालू तेल वर्ष की नवंबर-फरवरी के दौरान आयात में 3.7 फीसदी गिरावट दर्ज की गई. पाम तेल की कीमतों में उछाल से देश में बढ़े खाद्य तेल की कीमतें भारत में पाम तेल का बड़े पैमाने पर आयात होता है . ज्यादातर ढाबों, रेस्तराओं और पैकेटबंद फूड, स्नैक्स में पाम तेल का इस्तेमाल होता है. पिछले एक साल के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में आरबीडी पामोलीन का भाव 590 डॉलर से बढ़कर 1,100 डॉलर, क्रूड पाम तेल का भाव 580 डॉलर से बढ़कर 1120 डॉलर प्रति टन हो चुका है. घरेलू बाजार में आयातित आरबीडी पामोलीन 70 फीसदी बढ़कर 120-125 रुपये और क्रूड पाम तेल 80 फीसदी बढ़कर 115 रुपये से 117 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इससे देश में खाद्य तेलों के दाम काफी बढ़ गए हैं. देश में खाद्य तेलों की ब्लेडिंग में भी पाम आयल का इस्तेमाल होता है. यही वजह है कि देश में खाद्य तेल के दाम बढ़ रहे हैं. सरसों तेल के दाम में 40 फीसदी तक बढ़ोतरी पिछले एक एक साल में घरेलू खाद्य तेलों में सरसों तेल के दाम 85-90 रुपये से बढ़कर 120-125 रुपये हो गए हैं. रिफाइंड सोया तेल 80-85 रुपये से बढ़कर 125-130 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इस दौरान मूंगफली तेल के दाम करीब 30 फीसदी बढ़कर 155-160 रुपये हो गए हैं. वहीं सूरजमुखी तेल के दाम दोगुने से भी ज्यादा बढ़कर 185-190 रुपये प्रति किलो हो चुके हैं.अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह मुख्य पाम उत्पादक देश मलेशिया व इंडोनेशिया में फसल कमजोर होने के साथ सट्टेबाजी है.
हाल ही में केंद्र सरकार ने घरेलू उड़ानों का न्यूनतम किराया 5 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया था। अब अगले महीने से हवाई यात्रियों को एक और झटका लगने वाला है। अप्रैल 2021 से विमान यात्रियों से अधिक विमानन सुरक्षा शुल्क वसूला जाएगा। एक अप्रैल से घरेलू यात्रियों के लिए विमानन सुरक्षा शुल्क 200 रुपए होगा। मौजूदा समय में यह 160 रुपए है। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की बात करें, तो इनके लिए शुल्क 5.2 डॉलर से बढ़कर 12 डॉलर हो जाएगा। नागर विमानन महानिदेशालय ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए विमानन सुरक्षा शुल्क में 114.38 रुपए का इजाफा किया है। ये दरें एक अप्रैल 2021 से जारी होने वाली टिकटों पर लागू होंगी। हाल ही में केंद्र सरकार ने घरेलू उड़ानों का न्यूनतम किराया 5 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया था। अब अगले महीने से हवाई यात्रियों को एक और झटका लगने वाला है। अप्रैल 2021 से विमान यात्रियों से अधिक विमानन सुरक्षा शुल्क वसूला जाएगा। एक अप्रैल से घरेलू यात्रियों के लिए विमानन सुरक्षा शुल्क 200 रुपए होगा। मौजूदा समय में यह 160 रुपए है। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की बात करें, तो इनके लिए शुल्क 5.2 डॉलर से बढ़कर 12 डॉलर हो जाएगा। नागर विमानन महानिदेशालय ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए विमानन सुरक्षा शुल्क में 114.38 रुपए का इजाफा किया है। ये दरें एक अप्रैल 2021 से जारी होने वाली टिकटों पर लागू होंगी। हाल ही में केंद्र सरकार ने घरेलू उड़ानों का न्यूनतम किराया 5 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया था। अब अगले महीने से हवाई यात्रियों को एक और झटका लगने वाला है। अप्रैल 2021 से विमान यात्रियों से अधिक विमानन सुरक्षा शुल्क वसूला जाएगा। एक अप्रैल से घरेलू यात्रियों के लिए विमानन सुरक्षा शुल्क 200 रुपए होगा। मौजूदा समय में यह 160 रुपए है। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की बात करें, तो इनके लिए शुल्क 5.2 डॉलर से बढ़कर 12 डॉलर हो जाएगा। नागर विमानन महानिदेशालय ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए विमानन सुरक्षा शुल्क में 114.38 रुपए का इजाफा किया है। ये दरें एक अप्रैल 2021 से जारी होने वाली टिकटों पर लागू होंगी। हाल ही में केंद्र सरकार ने घरेलू उड़ानों का न्यूनतम किराया 5 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया था। अब अगले महीने से हवाई यात्रियों को एक और झटका लगने वाला है। अप्रैल 2021 से विमान यात्रियों से अधिक विमानन सुरक्षा शुल्क वसूला जाएगा। एक अप्रैल से घरेलू यात्रियों के लिए विमानन सुरक्षा शुल्क 200 रुपए होगा। मौजूदा समय में यह 160 रुपए है। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की बात करें, तो इनके लिए शुल्क 5.2 डॉलर से बढ़कर 12 डॉलर हो जाएगा। नागर विमानन महानिदेशालय ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए विमानन सुरक्षा शुल्क में 114.38 रुपए का इजाफा किया है। ये दरें एक अप्रैल 2021 से जारी होने वाली टिकटों पर लागू होंगी।
गोल्ड लोन को आमतौर पर कोलैटेरल लोन माना जाता है। बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों से गोल्ड लोन आसानी से मिल सकता है और यह पर्सनल लोन के मुकाबले सस्ता होता है। कम जोखिम के कारण बैंक, एनबीएफसी या अन्य वित्तीय संस्थानों से सोना गिरवी रखकर आसानी से लोन लिया जा सकता है। टेबल के जरिए जानते हैं कि कौन बैंक किस ब्याज दर गोल्ड लोन दे रहा है... बैंक ब्याज दर • पंजाब एंड सिंध बैंक 7.00% • बैंक ऑफ इंडिया 7.35% • एसबीआई 7.50% • केनरा बैंक 7.65% • कर्नाटक बैंक 8.42% • इंडियन बैंक 8.50% • यूको बैंक 8.50% • फेडरल बैंक 8.50% • पीएनबी 8.75% • यूनियन बैंक 8.85% (सोर्स: बैंकबाजार डॉट कॉम, आंकड़े: 23 मार्च, 2021 तक)
एबीएन डेस्क। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) केवी सुब्रमण्यम ने कहा है कि 2021-22 का 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य काफी हद तक हासिल होने योग्य है। सुब्रमण्यम ने शनिवार को कहा कि एलआईसी के प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से ही सरकार को एक लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। सीईए ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को लक्ष्य में रखने का जो लक्ष्य दिया गया है, उससे उतार-चढ़ाव तथा मुद्रास्फीति के स्तर को कम करने में मदद मिली है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को 31 मार्च, 2021 तक वार्षिक मुद्रास्फीति को चार फीसदी (दो फीसदी ऊपर या नीचे) पर रखने का लक्ष्य दिया गया है। जन स्मॉल फाइनेंस बैंक के एक वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुब्रमण्यम ने शनिवार को कहा कि 2021-22 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य वास्तव में 31 मार्च को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के 2.10 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य का शेष हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इसमें भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) का निजीकरण और एलआईसी का आईपीओ महत्वपूर्ण होंगे। अनुमानों के अनुसार बीपीसीएल के निजीकरण से 75,000 से 80,000 करोड़ रुपये प्राप्त हो सकते हैं। एलआईसी के आईपीओ से ही एक लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। सरकार बीपीसीएल में अपनी समूची 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही है। इसे आज की तारीख तक देश का सबसे बड़ा निजीकरण माना जा रहा है। जहां तक एलआईसी की सूचीबद्धता का सवाल है, सरकार ने इसी सप्ताह संसद में पारित वित्त विधेयक 2021 के जरिये एलआई अधिनियिम में संशोधन कर लिया है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा, विनिवेश के ये आंकड़े काफी हद तक हासिल होने योग्य हैं। इनमें से कई पर काम शुरू हो गया है। अगले वित्त वर्ष में इन्हें पूरा कर लिया जाएगा। सुब्रमण्यम ने निजीकरण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने पिछले महीने कहा था कि सरकार का काम व्यापार करना नहीं है और उनका प्रशासन चार रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश को प्रतिबद्ध है। सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत को अपनी वृद्धि की क्षमता को पूरा करने के लिए और बैंकों की जरूरत है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका की आबादी भारत की एक-तिहाई है लेकिन वहां 25,000 से 30,000 बैंक हैं। भारत की दीर्घावधि की वृद्धि पर उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के 10 फीसदी से अधिक की दर से बढ़ने की उम्मीद है। 2022-23 में यह घटकर 6.5 से 7 फीसदी रह सकती है। उसके बाद अर्थव्यवस्था 7.5 से आठ फीसदी की दर से बढ़ेगी।
एबीएन डेस्क। अगले महीने से कंपनियों के लिए बोतलबंद पानी बेचना आसान नहीं होगा। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने कंपनियों के लिए नियम में बदलाव किया है। एफएसएसएआई ने बोतलबंद पानी और मिनरल वॉटर विनिमार्ताओं के लिए लाइसेंस हासिल करने या पंजीकरण के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का प्रमाणन अनिवार्य कर दिया है। सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के खाद्य आयुक्तों को भेजे पत्र में एफएसएसएआई ने यह निर्देश दिया है। यह निर्देश एक अप्रैल 2021 से लागू होगा। इस संदर्भ में एफएसएसएआई ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2008 के तहत सभी खाद्य कारोबार परिचालकों (एफबीओ) के लिए किसी खाद्य कारोबार को शुरू करने से पहले लाइसेंस/पंजीकरण हासिल करना अनिवार्य होगा। नियामक ने कहा कि खाद्य सुरक्षा और मानक (प्रतिबंध एवं बिक्री पर अंकुश) नियमन, 2011 के तहत कोई भी व्यक्ति बीआईएस प्रमाणन चिह्न के बाद ही बोतलबंद पेयजल या मिनरल वॉटर की बिक्री कर सकता है। मालूम हो कि गर्मियां शुरू होते ही देश में बोतलबंद पानी की मांग में तेजी से इजाफा हो जाता है। ऐसे में कई कंपनियां सिर्फ लाभ कमाने के लिए इस कारोबार से जुड़ जाती हैं। इन कंपनियों के पास रजिस्ट्रेशन भी नहीं होता है। इतना ही नहीं, इनके पास शुद्धता का भी कोई प्रमाण नहीं होता है। ऐसे में बड़ी जनसंख्या पर स्वास्थ्य को लेकर खतरा पैदा हो जाता है। इसको ध्यान मं रखते हुए सरकार ने अब बीआईएस प्रमाणन की अनिवार्यता लागू कर दी है।
नयी दिल्ली। सिविल एविएशन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि एअर इंडिया को जून के अंत तक नया मालिक मिल जाएगा। एक कार्यक्रम में बोलते हुए हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इस साल मई में वित्तीय निविदा का चयन कर लिया जाएगा और जून में संभावित खरीदार की घोषणा कर दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकारी विमान कंपनी के निजीकरण की मौजूदा प्रक्रिया में कोविड-19 महामारी के कारण देरी हो गई है। वित्तीय निविदा मंगाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। सरकार ने इस साल के अंत तक एअर इंडिया की बिक्री की प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य तय किया है। जून में नए मालिकों का चुनाव होने के बाद 6 महीने में एअर इंडिया का प्रबंधन सौंप दिया जाएगा। टाटा ग्रुप और अजय सिंह कतार में : इस महीने की शुरूआत में सूत्रों ने बताया था कि एअर इंडिया को खरीदने की कतार में अब टाटा ग्रुप और प्राइवेट एयरलाइन स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह का ग्रुप ही बचा है। अन्य कंपनियों के आवेदन एक्सप्रेशन आॅफ इंटरेस्ट मूल्यांकन के स्तर पर खारिज हो चुके हैं। एअर इंडिया को खरीदने के लिए इसके 209 पूर्व कर्मचारियों के ग्रुप के अलावा एस्सार ग्रुप, पवन रुइया की कंपनी डनलप और फाल्कन टायर्स ने भी जमा की थी। एअर इंडिया को 20 साल से बेचने की कोशिश : एअर इंडिया को बेचने की कोशिश काफी लंबे समय से हो रही है। 20 साल पहले से इसे बेचा जा रहा है। उस समय 20% हिस्सेदारी बेचने की बात हो रही थी। हालांकि, इस समय इसकी पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना है। अब तक ढेर सारी कंपनियों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। लेकिन सरकार की शर्तों और इसके भारी-भरकम कर्ज के कारण कोई खरीदार नहीं आ पा रहा है। टाटा ग्रुप अभी भी इसको खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहा है। क्योंकि टाटा ग्रुप ने ही इसकी शुरुआत की थी। टाटा ग्रुप के सामने यह दिक्कत है कि वह एअर एशिया और विस्तारा में पहले से ही भागीदार है। 2017 में 74 पर्सेंट हिस्सा बेचने की योजना थी : सरकार 2017 में एअर इंडिया में 74% हिस्सेदारी बेच रही थी। पर बाद में इसे बढ़ाकर 100% कर दिया गया था। इसके साथ ही एअर इंडिया एक्सप्रेस में भी सरकार पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। एअर इंडिया के पास कुल 46 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति है। इसमें जमीन, बिल्डिंग, फ्लीट और अन्य संपत्तियां हैं। चालू वित्त वर्ष में 10 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान : कोविड-19 के चलते हवाई यातायात पर बुरा असर पड़ा है। इस कारण चालू वित्त वर्ष में एअर इंडिया को 10 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान जताया जा रहा है। सरकार ने एअर इंडिया का 30 हजार करोड़ रुपए का कर्ज स्पेशल पर्पज व्हीकल अक असेट होल्डिंग्स लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया था। इस कारण एअर इंडिया का कर्ज घटकर 23 हजार करोड़ रुपए पर आ गया है।
देश में इस साल रिकॉर्ड सरसों उत्पादन की उम्मीद है। सेंट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (सीओओआईटी) के मुताबिक, 2020-21 के मौजूदा रबी सीजन में 89.5 लाख टन सरसों उत्पादन का अनुमान है। यह पिछले साल के 75 लाख टन के मुकाबले 20 फीसदी से ज्यादा है। मौसम अनुकूल होने से प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ने का अनुमान सीओओआईटी के चेयरमैन बाबूलाल डाटा ने कहा, किसानों ने मौजूदा रबी सीजन में सरसों की ज्यादा बुवाई की है। इसके अलावा, मौसम अनुकूल होने से भी प्रति हेक्टेयर ज्यादा उत्पादन की उम्मीद है। राज्यों के हिसाब से पिछले साल की तरह इस साल भी राजस्थान सबसे बड़ा सरसों उत्पादक होगा। वहां इस साल 35 लाख टन उत्पादन का अनुमान है। उत्तर प्रदेश में 15 लाख टन, बिहार एवं अन्य पूर्वी राज्यों में 10 लाख टन, पश्चिम बंगाल में 5 लाख टन, गुजरात में 4 लाख टन उत्पादन की उम्मीद है। पंजाब एवं हरियाणा में 10.5 लाख टन और मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में संयुक्त रूप से 10 लाख टन सरसों उत्पादन का अनुमान है।
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