एबीएन डेस्क। वॉलमार्ट इंक के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी डग मैकमिलन का मानना है कि भारत दुनिया के सबसे रोमांचक खुदरा बाजारों में से है। उन्होंने कहा कि देश के खुदरा बाजार की अपनी विशिष्टता है और यह 2025 तक बढ़कर 1,000 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। कन्वर्जेंस@वॉलमार्ट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मैकमिलन ने कहा कि भारतीय बाजार की विविधता को देखते हुए कंपनी को स्थानीय स्तर पर सोचना होगा और स्थानीय स्तर पर ही क्रियान्वयन करना होगा। उन्होंने कहा, भारत इतना विविधता वाला बाजार है, कई मायनों में यह एक देश नहीं है। ऐसे में हमें स्थानीय सोचना होगा और स्थानीय का क्रियान्वयन करना होगा, जिसके अपने नियम होते हैं। ऐसे में हमें इन नियमों के अनुरूप चलना होगा। मैकमिलन ने कहा कि अभी वॉलमार्ट को बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति नहीं है। ऐसे में कंपनी अलग तरीके से परिचालन कर रही है। वॉलमार्ट के शीर्ष कार्यकारी ने इस बात का जिक्र किया कि अमेरिका और चीन के साथ भारत उसके तीन प्रमुख बाजारों में से है। कन्वर्जेंस@वॉलमार्ट कार्यक्रम वॉलमार्ट ग्लोबल टेक इंडिया का प्रमुख कार्यक्रम है। मैकमिलन ने कहा कि वॉलमार्ट की ई-कॉमर्स इकाई फ्लिपकार्ट और डिजिल भुगतान कंपनी फोनपे दोनों ही तेजी से आगे बढ़ रही हैं। इन कंपनियों के आंकड़े उत्साहजनक हैं। उन्होंने कहा कि फ्लिपकार्ट के मंच पर अब तीन लाख से अधिक मार्केटप्लेस विक्रेता हैं। वहीं फोनपे के प्रयोगकर्ताओं की संख्या 30 करोड़ से अधिक हो चुकी है। फ्लिपकार्ट भारतीय बाजार में अमेरिकी की ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजन की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी है।
एबीएन डेस्क। देश में बढ़ते कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए इन दिनों लोगों ने करंसी नोटों से दूरी बना ली है। इसकी जगह भुगतान के लिए लोग डिजिटल माध्यमों का उपयोग पहले के मुकाबले ज्यादा करते हुए नजर आ रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, मार्केट में करंसी नोटों की उपलब्धता की दर पिछले साल 13 अगस्त के मुकाबले कम होकर 10 फीसदी रह गई है। जबकि पिछले वर्ष की इस अवधि में वित्तीय प्रणाली में करंसी नोटो के प्रसार की दर 22.4 फीसदी थी। आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक, आरबीआई की रिपोर्ट में कोविड-19 की दूसरी लहर बाद से पैदा हुए हालात के बाद बैंकिंग प्रणाली में जमा रकम बढ़ रही है। दूसरी लहर के दौरान बैंकों में रकम जमा होने की दर शून्य से भी नीचे आ गई थी और वित्तीय तंत्र में करंसी का प्रसार बढ़ गया था। बैंकों में जमा रकम बढ़ने से पता चल रहा है कि पहले की तुलना में अब आर्थिक अनिश्चितता कम हो गई है और लोगों का मनोबल पहले से बढ़ गया है। हालांकि लोन देने की रफ्तार सुस्त रही तो बैंकों के लिए जमा रकम का अंबार संभालना मुश्किल हो सकता है। बाजार में मौजूद ज्यादातर करंसी औपचारिक माध्यमों से आ रही है। लोग अब डिजिटल माध्यम से भुगतान को अधिक तरजीह दे रहे हैं इसलिए वे बैंकों से नकदी निकालने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। पहले के मुकाबले अब नकदी पर लोगों की निर्भरता धीरे-धीरे कम हो रही है, खासकर खुदरा उपभोक्ता और बड़ी संख्या में लोग डिजिटल माध्यम के जरिए अधिक भुगतान कर रहे हैं। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल माध्यम से भुगतान को नोटबंदी के मुकाबले कोरोना महामारी से ज्यादा बढ़ावा मिला है। डिजिटल भुगतान अब थमने वाला नहीं है और इसकी लोकप्रियता बढ़ती ही जाएगी। कोविड महामारी के कारण डिजिटल भुगतान अपनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। सामान्य परिस्थितियों में डिजिटल भुगतान को जोर पकड़ने में कम से कम 5 से 10 वर्षों का और समय लग जाता। महामारी की वजह से यह एक वर्ष में ही संभव हो पाया है।
एबीएन डेस्क। शुक्रवार को गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन आदि गोदरेज ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अब उनकी जगह भाई नादिर गोदरेज के हाथ में कंपनी की कमान होगी। लेकिन आदि गोदरेज के इस्तीफे के बाद तत्काल उनकी विदाई होने नहीं जा रही है। वह 1 अक्टूबर 2021 तक अपने पद पर बने रहेंगे और उसके बाद कंपनी के चेयरमैन का कार्यभार अपने भाई नादिर गोदरेज को सौंप देंगे। नादिर गोदरेज वर्तमान में कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) हैं। अब आदि गोदरेज के इस्तीफे के बाद उनके पास इसके साथ चेयरमैन पद की जिम्मेदारी भी होगी। आदि गोदरेज के पद छोड़ने के मौके पर कहा, ‘ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि 4 दशक तक गोदरेज इंडस्ट्रीज की सेवा का मौका मिला। इस बीच हमारी कंपनी ने बेहतर परिणाम दिए हैं और कंपनी को इतना बदला है। मैं अपने बोर्ड के सदस्यों का भी शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने समय-समय पर मेरा साथ दिया और अच्छी सलाह दी. मैं अपनी कंपनी से जुड़े हर व्यक्ति का शुक्रगुजार हूं। कंपनी के नए चेयरमैन नादिर गोदरेज ने कहा, ‘Godrej Industries में मैं अपनी टीम की ओर से हमारे चेयरमैन का उनके दीर्घकालिक दृष्टिकोण, मूल्यों और असाधारण नेतृत्व के लिए धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने इस कंपनी को आकार देने का काम किया।’
बेरमो। चालू वित्तीय वर्ष में 20 जुलाई तक सीसीएल के कोयला उत्पादन में 51% प्रतिशत ग्रोथ हुआ। इस अवधि में कुल कोयला उत्पादन 15 .760 मिलियन हुआ, जो गत वित्तीय वर्ष की तुलना में 5.3मिलियन टन ज्यादा है। इस अवधि में कोयला डिस्पैच 22.142 मिलियन टन हुआ, जो गत वित्तीय वर्ष की तुलना में 8 मिलियन टन ज्यादा है। इस प्रकार ग्रोथ 55%का है। सीसीएल के ढोरी क्षेत्र में 20 जुलाई तक 9 लाख टन कोयला उत्पादन हुआ। जो गत वर्ष की तुलना में दो लाख 29 हजार टन ज्यादा है। इस प्रकार ग्रोथ 34% का हुआ है। डिस्पैच 10.77 लाख धन मीटर हुआ। जो गत वर्ष की तुलना में 4.19 लाख टन ज्यादा है। डिस्पैच में 64% का ग्रोथ हुआ।बीएन्डके क्षेत्र 20 जुलाई तक 17.39 लाख टन कोयला उत्पादन हुआ ।जो गत वर्ष की तुलना में 8.44 लाख टनज्यादा है ।कुल डिस्पैच 23 लाख 7 0 हजार टन हुआ।जो गत वर्ष की तुलना में 10 .2 1 लाख टन ज्यादा है। इस प्रकार ग्रोथ 76 प्रतिशत का हुआ। बीएंडके क्षेत्र में इस अवधि में ओबीआर 25.2 लाख घन मीटर हुआ ।जो गत वर्ष की तुलना में 7.60 लाख धन मीटर ज्यादा है। इस प्रकार ओबी आर में 44% का ग्रोथ हुआ। 20 जुलाई तक कथारा क्षेत्र में कोयला उत्पादन 3.92लाख टन हुआ ।जो गत वर्ष से 2.5 6 लाख टन कम है। इस अवधि ओबीआर 9.2 लाख धन मीटर हुआ जो गत वर्ष की तुलना में 10.51 लाख धन मीटर कम है। डिस्पैच6.51लाख टन हुआ, जो गत वर्ष की तुलना में 64 हजार टन ज्यादा है।ढोरी क्षेत्र के महाप्रबंधक एम के अग्रवाल, बीऐंडके क्षेत्र के महाप्रबंधक एम के राव और कथा क्षेत्र के महाप्रबंधक एम के पंजाबी ने विश्वास व्यक्त किया है कि क्षेत्र निर्धारित लक्ष्य से अधिक कोयला उत्पादन करेगा। सीसीएल के सीएमडी पी एम प्रसाद के नेतृत्व में कार्य संस्कृति में सुधार हुआ है। टीमवर्क हो रहा है। कोरोना गाइड लाईन का पालन करते हुए तथा सुरक्षित कोयला उत्पादन बढ़ाने का काम हो रहा है। जिसमें श्रमिक संगठनों, प्रशासनिक अधिकारियों , विस्थापितों और बुद्धिजीवियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है।
नई दिल्ली। बीते दिनों लगातार बढ़त के बाद सोमवार को सोना-चांदी फिर सस्ते हुए। MCX पर 4:30 बजे शाम को सोना 203 रुपये कम होकर प्रति 10 ग्राम 47,720 रुपये पर आ गया। सफारा बाजार की बात करें तो इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट के अनुसार सोना 92 रुपये सस्ता होकर 47,771 पर आ गया।चांदी MCX पर शाम 4:30 बजे 504 रुपये सस्ती होकर 68,793रुपये प्रति किलो पर आ गई। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट के अनुसार, सराफा बाजार में भी चांदी में मामूली गिरावट आई। 148 रुपये सस्ती होकर 67,641 रुपये प्रति किलो पर आ गई। IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता कहते हैं कि अभी सोने में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। आने वाले दिनों में सोने की चमक बढ़ सकती है। यह साल के आखिर तक फिर 55 हजार तक जा सकता है। इसीलिए निवेशकों को इस गिरावट से घबराने की जरूरत नहीं है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोमवार को सोने की चमक फीकी पड़ी है। यह 1,799 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर आ गया है। शुक्रवार को ये 1,810 डॉलर पर आ गया था। आनेवाले दिनों में यह फिर बढ़ सकता है। पिछले साल जब कोरोना अपने चरम पर था तक सोने का भाव अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था। अगस्त 2020 में 56,200 रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। उस समय कोरोना महामारी के कारण निवेशकों में डर का माहौल बना हुआ था। इस समय फिर एक बार ऐसा ही माहौल बनने लेगा है।
नयी दिल्ली। आयकर विभाग ने देश के करीब 17.92 लाख से अधिक करदाताओं को 37,050 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड जारी कर दिया है। विभाग ने 1 अप्रैल 2021 से 05 जुलाई 2021 तक के लिए यह रिफंड जारी किया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, 37,050 करोड़ रुपये से अधिक के रिफंड में से 16,89,063 मामलों में 10,408 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स रिफंड और 1,03,088 मामलों में 26,642 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट टैक्स रिफंड जारी किया गया है। आम तौर पर आयकर रिटर्न सेंट्रलाइज प्रोसेसिंग सेंटर से 20 से 45 दिन के अंदर टैक्स रिफंड हो जाता है। अगर आपका टैक्स पर रिटर्न अभी तक नहीं मिला है, तो आप यह बड़ी ही आसानी से चेक कर सकते हैं कि आखिर आपका रिफंड किन कारणों से आप तक नहीं पहुंच सका है। अगर आप आईटीआर दाखिल करते समय गलत फार्म भर दिए हैं, तब भी आपको समय पर पैसा नहीं आता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नए नियमों के अनुसार, अगर आप बैंक अकाउंट की जानकारी गलत देते हैं, तब भी आपका पैसा रिफंड नहीं होता है। साथ ही, हमें ध्यान रखना चाहिए कि हमारा पैन नंबर अकाउंट से जुड़ा हो। अब अगर आपको दो महीने के अंदर रिटर्न को लेकर कोई जानकारी नहीं मिलती है, तो सबसे पहले आप अपने आईटीआर को चेक कर लें। कई बार जल्दबाजी में या फिर अन्य वजहों से आप रिटर्न फाइल करते वक्त गलती कर बैठते हैं। ऐसे स्थिति में आपका रिटर्न वक्त पर नहीं आता है। कई बार हमें कुछ अतिरिक्त सूचनाएं देनी होती हैं या फिर इनकम टैक्स रिटर्न को रिफंड करने के लिए कुछ नई जानकारी मांगता है। ऐसे में समय पर रिटर्न नहीं आने पर यह जरूर चेक कर लें कि कहीं इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपसे कुछ नई जानकारी तो नहीं मांग रहा है। ऐसे दस्तावेज को जल्द से जल्द जमा कर देना चाहिए। कई बार ज्यादा रिटर्न क्लेम करने पर भी आपको रिटर्न का पैसा नहीं मिलता है। ऐसी स्थिति में आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से कोई न कोई जानकारी जरूर दी जाएगी। ऐसी स्थिति में आप अपने दस्तावेज फिर से चेक करें। अगर सबकुछ सही तो आप फिर से क्लेम कर सकते हैं, लेकिन अगर गलत है, तो आप नई रकम की डिमांड कर सकते हैं।
नई दिल्ली। देश में कच्चे इस्पात का उत्पादन सालाना आधार पर मई में 46.9 प्रतिशत बढ़कर 92 लाख टन रहा। विश्व इस्पात संघ (वर्ल्ड स्टील) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी। पिछले वर्ष मई में कच्चे इस्तपाल का उत्पादन 58 लाख टन था। वर्ल्ड स्टील ने कहा, विश्व इस्पात संघ (वर्ल्ड स्टील) को जानकारी देने वाले 64 देशों में आलोच्य माह के दौरान कच्चे इस्पात उत्पादन 16.5 प्रतिशत बढ़कर 17.44 करोड़ टन रहा। रिपोर्ट के अनुसार मई में चीन में कच्चे इस्पात का उत्पादन 6.6 प्रतिशत बढ़कर 9.95 करोड़ टन रहा जो एक साल पहले इसी महीने में 9.23 करोड़ टन था। वर्ल्ड स्टील के अनुसार मई में जापान का कच्चा इस्पात उत्पादन मई, 2020 के 59 लाख टन के मुकाबले 84 लाख टन पर पहुंच गया। आंकड़ों के अनुसार अमेरिका का उत्पादन मई 2020 के 42 लाख टन से बढ़ कर 72 लाख लाख टन रहा। इसके अलावा रूस का मई का उत्पादन 66 लाख टन, दक्षिण कोरिया का 60 लाख टन, जर्मनी का 35 लाख टन, ईरान का 26 लाख टन तथा तुर्की और ब्राजील का कच्चे इस्पात का उत्पादन 32-32 लाख टन रहा। विश्व इस्पात संघ के सदस्य वैश्विक इस्पात उत्पादन में 85 प्रतिशत योगदान करते हैं।
एबीएन बिजनेस डेस्क। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा है कि 5जी प्रौद्योगिकी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव को लेकर जो चिंता जताई जा रही है, वह पूरी तरह गलत है। अभी तक जो भी प्रमाण उपलब्ध हैं उनसे पता चलता है कि अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी पूरी तरह सुरक्षित है। सीओएआई ने इस बात पर जोर दिया कि 5जी प्रौद्योगिकी पासा पलटने वाली होगी और इससे अर्थव्यवस्था और समाज को जबर्दस्त फायदा होगा। सीओएआई रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी बड़ी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है। एसोसिएशन ने कहा कि भारत में दूरसंचार क्षेत्र में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण सीमा को लेकर पहले ही कड़े नियम हैं। वैश्विक रूप से मान्य मानकों की तुलना में भारत में नियम अधिक सख्त हैं। सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने कहा, वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य मानक की तुलना में भारत में सिर्फ 10 प्रतिशत विकिरण की अनुमति है। विकिरण और उसके प्रभाव को लेकर जो भी चिंता जताई जा रही है वह सही नहीं है। ये भ्रम फैलाने वाली आशंकाएं हैं। जब भी कोई नई प्रौद्योगिकी आती है, तो ऐसा ही होता है।
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