एबीएन बिजनेस डेस्क। फार्मिंग सेक्टर से जुड़ी कंपनी बेयर क्रॉपसाइंस लिमिटेड ने अपने निवेशकों को बड़ा तोहफा दिया है। कंपनी ने अपने शेयरधारकों के लिए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 90 रुपये प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड घोषित किया है। गुरुवार को सितंबर तिमाही के नतीजे जारी करते हुए यह ऐलान किया गया।
यह डिविडेंड इक्विटी शेयर की फेस वैल्यू 10 रुपये पर आधारित है, जिस हिसाब से यह 900 फीसदी बैठता है। इस डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट 14 नवंबर 2025 रखी गई है, जबकि भुगतान 3 दिसंबर 2025 को होगा। कंपनी के इस फैसले से निवेशकों में खुशी की लहर है, क्योंकि बेहतर मार्जिन के दम पर मुनाफा बढ़ा है।
अगर बात तिमाही नतीजों कि करें तो दूसरी तिमाही में कंपनी के नेट प्रॉफिट में 12.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सितंबर में खत्म हुई तिमाही में नेट प्रॉफिट 152.7 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इसी तिमाही में 136.3 करोड़ रुपये था। हालांकि राजस्व में 10.6 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 1,553.4 करोड़ रुपये पर आ गया, जो पिछले साल 1,738.2 करोड़ रुपये था।
कंपनी के चीफ फाइनेंशियल आॅफिसर विनीत जिंदल ने बताया कि मुनाफे की बढ़त बेहतर सेल्स मिक्स, स्थिर इनपुट कॉस्ट, डाउटफुल रिसीवेबल्स के लिए कम प्रोविजनिंग और अनुशासित कॉस्ट मैनेजमेंट से आयी।
अगर बात कंपनी के शेयरों की करें तो बीते शुक्रवार को बीएसई पर कंपनी के शेयर 3.42 फीसदी गिरावट के साथ 4595.35 रुपये पर बंद हुए थे। बीते एक महीने में कंपनी के शेयरों में 8.09 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। हालांकि, कंपनी के शेयरों ने लंबे समय में भी खराब प्रदर्शन ही किया है।
बीते 1 साल, 3 साल और 5 साल में कंपनी के शेयरों में क्रमश: 30.89 फीसदी, 1.70 फीसदी और 17.55 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। हालांकि, पिछले दस सालों में कंपनी के शेयरों ने 34.43 फीसदी का रिटर्न दिया है।
एबीएन बिजनेस डेस्क। त्योहारी सीजन के बाद से सोने की कीमतों में गिरावट का दौर जारी है। दिवाली के दौरान सोने और चांदी दोनों के दामों में अच्छी-खासी बढ़ोतरी देखने को मिली थी। बढ़ती मांग के कारण भी कीमतों में इजाफा हुआ था।
अब शादी का सीजन शुरू हो गया है, जिससे एक बार फिर सोने की मांग बढ़ गई है। कीमतों में गिरावट के चलते कई लोग इसे सस्ते दामों पर खरीदने की योजना बना रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या अभी सोना खरीदना सही रहेगा या कीमतें और नीचे जायेंगी?
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि 24 कैरेट सोने की कीमत निकट भविष्य में 1,05,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है, जबकि 22 कैरेट सोना 1,00,000 प्रति 10 ग्राम से नीचे भी आ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा तभी संभव है जब वैश्विक बाजार में स्थिरता बनी रहे और कोई नकारात्मक आर्थिक या भू-राजनीतिक रिपोर्ट सामने न आये।
आमतौर पर सोने की कीमतें तब बढ़ती हैं जब वैश्विक अस्थिरता बढ़ती है, क्योंकि ऐसे हालात में निवेशक सोने को सुरक्षित विकल्प मानते हैं। दुनिया भर के कई केंद्रीय बैंक भी ऐसे समय में सोने की खरीद बढ़ा देते हैं। 4 नवंबर को इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट पर 24 कैरेट सोने की कीमत 1,20,419 प्रति 10 ग्राम दर्ज की गयी थी।
एमसीएक्स में बुधवार को कारोबार बंद रहने के कारण कीमतों में कोई बदलाव नहीं देखा गया। मंगलवार के बंद भाव के अनुसार, 5 दिसंबर डिलीवरी वाले सोने का वायदा अनुबंध 1,19,749 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
कारोबार के दौरान यह 1,21,160 के उच्चतम स्तर और 1,19,150 के न्यूनतम स्तर तक पहुंचा। वहीं, चांदी की कीमत मंगलवार को 1,45,540 प्रति किलोग्राम पर बंद रही।
एबीएन बिजनेस डेस्क। देशभर में शादियों का सीजन शुरू होते ही सोने-चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। जो सोना कुछ हफ्ते पहले रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था, अब वही तेजी से सस्ता हो रहा है।
बीते 15 दिनों में सोना अपने ऑल टाइम हाई से करीब 12,000 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हो गया है, वहीं चांदी में भी 20,000 रुपये प्रति किलो से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है।
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अनुसार, पिछले सप्ताह के मुकाबले 24 कैरेट सोना ₹2,620 तक सस्ता हुआ है। यह लगातार दूसरा हफ्ता है जब सोने और चांदी दोनों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है।
क्यों गिर रहे हैं सोने-चांदी के दाम?
जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में सोने की कीमत में और गिरावट संभव है। भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते ट्रेड रिलेशन और वैश्विक स्थिरता से सोने की मांग में कमी आ सकती है।
हालांकि, शादी-ब्याह के सीजन में घरेलू मांग बढ़ने के कारण कीमतों में हल्की तेजी भी आ सकती है। अगर आप शादी के लिए सोना खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह समय काफी फायदेमंद हो सकता है। वहीं निवेशकों के लिए गिरते दाम एक अच्छा मौका हैं, क्योंकि कीमतें स्थिर होने के बाद फिर से बढ़ सकती हैं।
एबीएन बिजनेस डेस्क। एक दिन की मजबूती के बाद भारतीय शेयर बाजारों में फिर से गिरावट आयी है। बुधवार की तेजी के बाद गुरुवार, 30 अक्टूबर को निवेशकों की मुनाफावसूली और विदेशी दबाव से बाजार लाल निशान में खुला।
बीएसई सेंसेक्स 592 अंक फिसल कर 84,404 पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 176 अंक लुढ़कर 25,877 पर बंद हुआ।
एबीएन बिजनेस डेस्क। हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में तेजी का माहौल बना रहा। बुधवार को सेंसेक्स 368 अंकों की मजबूती के साथ 84,997 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी करीब 117 अंक चढ़कर 26,053 के स्तर पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों में भी मिलाजुला रुख देखने को मिला। जापान का निक्केई इंडेक्स 1,030 अंकों (2%) की तेजी के साथ 51,249 पर पहुंच गया। कोरिया का कोस्पी 50 अंक चढ़कर 4,060 पर है। हालांकि हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग इंडेक्स 87 अंक गिरकर 26,346 पर कारोबार कर रहा है, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 14 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 4,002 पर है।
अमेरिकी बाजारों में सोमवार को सकारात्मक रुझान रहा। डाउ जोन्स 161 अंक बढ़कर 47,706 पर बंद हुआ, नैस्डेक कंपोजिट 190 अंक चढ़कर 23,827 पर पहुंचा, जबकि एस एंड पी 500 मामूली बढ़त के साथ 6,890 पर स्थिर बंद हुआ।
एबीएन बिजनेस डेस्क। त्योहारों की रौनक खत्म होते ही कीमती धातुओं की रफ्तार थम गई है। कुछ ही दिनों में सोना-चांदी की कीमतों में जबरदस्त गिरावट आई है, जिसने निवेशकों की नींद उड़ा दी है।
डॉलर की मजबूती और वैश्विक बाजारों में दबाव के चलते सोना लगभग ₹12,000 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹36,000 प्रति किलो तक टूट चुकी है। अब सवाल उठ रहा है क्या यह खरीदारी का मौका है या गिरावट का सिलसिला अभी बाकी है?
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, 24 कैरेट सोना ने 17 अक्टूबर को ₹1,30,874 प्रति 10 ग्राम का अब तक का सबसे ऊँचा स्तर छुआ था। लेकिन सिर्फ 12 दिनों में यह ₹1,18,043 पर आ गया यानी कीमत में ₹12,831 की भारी गिरावट।
वहीं चांदी ने 14 अक्टूबर को ₹1,78,100 प्रति किलो का ऑल-टाइम हाई बनाया था, जो अब घटकर ₹1,41,896 रह गया है। यानी लगभग ₹36,204 की भारी गिरावट। निवेशक अब वेट एंड वॉच मोड में हैं, जबकि बाजार में खरीदारी की रफ्तार थमी हुई है।
मंगलवार को भी सोने-चांदी में उतार-चढ़ाव जारी रहा। दोपहर तक 24 कैरेट सोना ₹1,19,164 पर था, जो शाम तक गिरकर ₹1,18,043 पर पहुंच गया।
यानी महज 5 घंटे में ₹1,121 का नुकसान। सोमवार की तुलना में कीमत ₹3,034 कम रही। इसी तरह, चांदी दिनभर में ₹1,504 सस्ती हुई और ₹1,41,896 प्रति किलो पर बंद हुई।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर भी सोना कमजोर दिखा। दिसंबर 2025 एक्सपायरी वाले कॉन्ट्रैक्ट में 1.26% की गिरावट आई और कीमत ₹1,19,429 प्रति 10 ग्राम रही।
ट्रेडिंग के दौरान लो लेवल ₹1,17,628 और हाई ₹1,20,106 का रहा। वहीं, चांदी में दिन के आखिर में हल्की रिकवरी दिखी — 0.27% की बढ़त के साथ यह ₹1,43,750 प्रति किलो पर पहुंच गई।
एबीएन बिजनेस डेस्क। दिवाली के मौके पर देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में सोना और चांदी के दामों में तेज गिरावट देखने को मिली। कारोबारी सत्र के दौरान सोने की कीमतें करीब 3% गिर गईं, जबकि चांदी के दाम मिनटों में लगभग ₹9,500 प्रति किलोग्राम तक सस्ते हो गए। विशेषज्ञों के अनुसार, चांदी में मुनाफा वसूली शुरू हो गई है।
इसके अलावा, अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वार्ता और आने वाले दिनों में फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावना ने भी इस गिरावट में योगदान दिया। फेस्टिव डिमांड कम होने का असर भी कीमतों पर दिखाई दिया।
हिंदुस्तान जिंक के अनुसार, साल के अंत तक चांदी के दाम $54–55 प्रति ओंस तक स्थिर रह सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट मुनाफा वसूली, वैश्विक मार्केट अनिश्चितता और कम फेस्टिव डिमांड की वजह से आई है।
एबीएन बिजनेस डेस्क। कुछ ही हफ्तों पहले तक निवेशकों की आंखों का तारा बनी चांदी अब अचानक फीकी पड़ती नजर आ रही है। ₹1.70 लाख प्रति किलो का रिकॉर्ड स्तर छूने के बाद अब इसकी कीमत ₹1.53 हजार तक लुढ़क गई है।
यानि करीब 20 हज़ार चांदी सस्ती हो गई है। इसकी वजह अमेरिका-चीन के बीच कम होता व्यापारिक तनाव और बाजार में मुनाफावसूली बताई जा रही है। हालांकि जानकारों की मानें तो यह सिर्फ एक सांस लेने की ब्रेक है - असली रफ्तार अभी बाकी है।
बीते शुक्रवार, 17 अक्टूबर को MCX पर चांदी की फ्यूचर ट्रेडिंग में ₹1,70,415 से गिरकर ₹1,53,700 प्रति किलो तक की बड़ी गिरावट देखने को मिली यानी करीब ₹16,700 की तेज गिरावट। हालांकि दिन के दूसरे हिस्से में हल्की रिकवरी आई और यह ₹1,57,300 तक चढ़ी। सोमवार, 20 अक्टूबर को कीमत मामूली तेजी के साथ ₹1,56,755 पर ट्रेड कर रही थी।
अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में नरमी चांदी की गिरावट की सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्वीकारा कि चीन पर लगाया गया 100% टैरिफ स्थायी विकल्प नहीं है, और बीजिंग ने उन्हें यह कदम उठाने को मजबूर किया। इस बयान के बाद ग्लोबल निवेशकों ने सेफ-हेवन डिमांड से दूरी बना ली और मुनाफा वसूली शुरू कर दी।
MCX पर ₹1,70,415 के रिकॉर्ड हाई से गिरकर ₹1,53,700 पर आ गई चांदी
फिलहाल 10% नीचे ट्रेड कर रही है।
Motilal Oswal का अनुमान: यह अस्थायी गिरावट है। ब्रोकरेज फर्म Motilal Oswal का कहना है कि यह गिरावट सिर्फ एक शॉर्ट-टर्म कूल-ऑफ है। रिपोर्ट में कहा गया कि: यह रैली सट्टेबाज़ी नहीं, बल्कि मजबूत औद्योगिक मांग और सप्लाई की सीमाओं पर आधारित है। यह 1980 और 2011 जैसी फुल-स्पेकुलेटिव रैली नहीं है। ब्रोकर हाउस का मानना है कि चांदी अभी स्ट्रक्चरल बुल फेज में है, यानी कीमतों की लंबी अवधि की मजबूती अभी जारी रह सकती है।
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