लातेहार। 8 जून को लातेहार जिले के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के द्वारा सदर अस्पताल में बने आइसीयू एवं एमओएसएस प्लांट समेत स्वास्थ्य उप केंद्र बारिखाप बारियातु, महुआडांड़, बरवाडीह एवं चंदवा प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बनाये गये आक्सीजन पाईपलाईन युक्त कोविड केयर सेंटर का आनलाइन उदघाटन किया। उद्घाटन समारोह में सांसद सुनील कुमार सिंह, विधायक बैद्यनाथ राम, मनिका विधायक रामचंद्र सिंह एवं उपायुक्त अबु इमरान की मौजूदगी रही। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदर अस्पताल लातेहार में बने आईसीयू के उदघाटन समारोह में संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल के विकट परिस्थिति में एवं समिति संसाधन के बावजूद सरकार आमजनों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर कृतसंकल्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे स्वास्थ्य सर्वे की विस्तृत विवरणी तैयार करें एवं इसकी रिर्पोट सरकार को भेजे ताकि सरकार स्वास्थ्य सर्वे के आधार पर ही स्वास्थ्य सेवा को विकसित करने का प्रयास करेंगी। मुख्यमंत्री के द्वारा लातेहार जिला में खनन कार्य कर रहे कंपनियों के साथ आपसी समन्वय स्थापित करते हुए सीएसआर फंड से स्वास्थ्य के क्षेत्र में और बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करने की बात कही गयी। मुख्यमंत्री ने लातेहार में आधुनिक आइसीयू निर्माण होने एवं प्रखंडों में आॅक्सीजन सुप्पोर्टड बेड युक्त कोविड केयर सेंटर बनाए जाने पर उपायुक्त समेत जिला प्रशासन को बधाई दी। समृद्ध एवं स्वस्थ राज्य निर्माण प्राथमिकता : बन्ना गुप्ता : स्वास्थ्य मंत्री, झारखंड सरकार बन्ना गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि समृद्ध एवं स्वस्थ राज्य का निर्माण करना सरकार की प्राथमिकता है और इस दिशा में सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल के दूसरे चरण ने बहुत कुछ सिखाया है, सरकार बेहतर कार्य योजना के तहत कार्य कर के राज्य के चिकित्सको एवं मरीजों के चेहरों पर मुस्कान लाएगी। उन्होंने कहा कि लातेहार जैसे सीमित संसाधन वाले जिले में आइसीयू निर्माण एवं अतिसुदूरवर्ती प्रखंडों में आॅक्सीजन सपोर्टेड बेड युक्त कोविड केयर सेंटर का निर्माण होना प्रसाशनिक पदाधिकारियों के कार्य क्षमता को दशार्ता है। उन्होंने आइसीयू निर्माण होने पर उपायुक्त अबु इमरान की प्रशंसा की। स्वास्थ्य के क्षेत्र में आईसीयू निर्माण जिले की बड़ी उपलब्धि : सांसद सुनील कुमार सिंह : चतरा सांसद माननीय सुनील कुमार सिंह ने आॅनलाइन उदघाटन कार्यक्रम में कहा कि लातेहार जैसे जिले में आइसीयू निर्माण होना बड़ी उपलब्धि है। आइसीयू निर्माण होने से यहाँ के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी। सांसद सुनील सिंह ने कहा कि प्रखंड़ों में आॅक्सीजन सपोर्टेड बेड युक्त कोविड केयर सेंटर बनाए जाने से लोगों को कोरोना के ईलाज में बेहतर सुविधा मिलेगी। इस दौरान उन्होंने जिले में स्वास्थ्य सुविधा को विकसित करने की दिशा में हर कदम पर सहयोग की बात कही। स्वास्थ्य क्षेत्र में वरदान साबित होगा आइसीयू : बैद्यनाथ राम : लातेहार विधायक बैद्यनाथ राम ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में आइसीयू वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि लातेहार जिला के स्वास्थ्य सुविधा में एक और कड़ी जुड़ गई है। उन्होंने कहा कि कम संसाधन, विकट परिस्थिति में आइसीयू निर्माण काफी सराहनीय है। यह कोरोना मरीजों की जान बचाने में मददगार साबित होगा। वहीं मनिका विधान सभा के विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि लातेहार में आइसीयू निर्माण होना स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांति है। ऐसी परिस्थिति में आइसीयू निर्माण काफी सराहनीय है। उन्होंनें महुआडांड़ में रेफरल अस्पताल निर्माण करवाने को लेकर मुख्यमंत्री से मांग की। मील का पत्थर साबित होगा आईसीयू : उपायुक्त अबु इमरान : उपायुक्त अबु इमरान ने कहा कि सदर अस्पताल में आइसीयू का निर्माण मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि आईसीयू में कोरोना के ईलाज के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों का भी ईलाज होगा।
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 33 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी कैबिनेट सचिव वंदना दाडेल ने दी। प्रोजेक्ट भवन में हुई कैबिनेट की बैठक में डॉ रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता सहित कई मंत्री मौजूद रहे। कैबिनेट में इन प्रस्तावों पर लगी मुहर : मध्याह्न भोजन बनाने वाली रसोईया सह सहायिका को अब 2 हजार रुपये मिलेंगे। राज्य सरकार ने पांच सौ रुपये की वृद्धि करने का फैसला किया है। कोविड-19 से जुड़े स्वास्थ्य कर्मियों-डॉक्टरों को 1 माह की मानदेय राशि की स्वीकृति कैबिनेट ने दी है। रिम्स के चिकित्सकों शैक्षणिक-गैर शैक्षणिक के वेतन पुनरीक्षण की स्वीकृति दी गई है। अब इन चिकित्सकों को सातवें वेतनमान के तहत वेतन मिलेगा। ऊर्जा विभाग के ग्रामीण उपभोक्ताओं को वन टाइम सेटलमेंट योजना की स्वीकृति दी गई है। इसके तहत डीपीएस चार्ज माफ होगी और एफआइआर के मामले लागू नहीं होंगे। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के लिये 100 करोड़ की स्वीकृति। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रस्ताव की स्वीकृति देते हुए अब राज्य में थोक शराब की बिक्री निजी हाथों में दी गई है। झारखंड राज्य वेबरेज कॉरपोरेशन को समाप्त कर दिया गया है। रांची के गेतलसूद में 100 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लेट लगाने की स्वीकृति दी गई है। रूंगटा माइंस को सरायकेला-खरसांवा जिले में चार जगहों पर 30 साल के लीज बंदोवस्ती की स्वीकृति दी गई है। रिम्स में सिटी स्कैन मशीन खरीदने के प्रस्ताव की घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई है।
रांची। झारखंड अलग राज्य के लिए मुहिम चलाने वाले आंदोलनकारियों के लिये अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने उनके वास्ते सरकारी नौकरी और पेंशन देने का इरादा तय किया है। सीएम हेमंत सोरेन ने इस संबंध में अपनी मंशा 25 फरवरी को कैबिनेट बैठक में दिखा दी थी। इस दौरान अहम घोषणा भी की गयी थी। आंदोलनकारियों की पहचान करने को रिटायर्ड आइएएस अधिकारी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग गठित करने की बात हुई थी। अब सरकार ने इसकी तैयारी कर ली है। पुनर्गठित आयोग सरकार के आदेश जारी करने की तिथि से लागू होगा। सरकार के अनुसार झारखंड आंदोलनकारी को चिह्नित करने के लिये राज्य में पूर्व से झारखंड वनांचल चिह्नितीकरण आयोग था। अब इसमें से वनांचल शब्द हटा दिया जायेगा। अब यह आयोग आंदोलनकारियों को चिन्हित करने के अलावा उन्हें सम्मान देने, सुविधा लाभ देने के मकसद से काम करेगा। फैसले के मुताबिक जेल जाने वाले आंदोलनकारियों को भी सम्मान पेंशन के तौर पर आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। जो आंदोलनकारी जेल में 6 माह से अधिक समय गुजार चुके हैं, उन्हें सरकार हर महीने 7000 रुपये सम्मान पेंशन देगी। आंदोलनकारी की मृत्यु हो जाने पर यह लाभ उसके एक आश्रित को मिलेगा। सरकार के मुताबिक रिटायर्ड आइएस अधिकारी की अध्यक्षता में गठित आयोग का कार्यकाल एक साल का होगा। प्राप्त आवेदनों के आधार पर दस्तावेजों की जांच कर आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों की पहचान की जायेगी। हालांकि आश्रितों की पहचान के संबंध में अंतिम निर्णय गृह विभाग (झारखंड) का होगा। पुलिस फायरिंग या जेल में मरे या दिव्यांग हुए आंदोलनकारियों के आश्रित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरियों में सीधी भर्ती दी जायेगी। तीसरी व चतुर्थवर्गीय पदों के लिये यह भर्ती होगी। इसके लिये सरकार 5 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था तय करेगी। इसका लाभ आंदोलनकारी परिवार को जीवन में एक बार ही मिलेगा। जेल गये आंदोलनकारियों को उनके जीवन काल व मृत्यु होने पर एक आश्रित को सम्मान पेंशन सरकार द्वारा दी जायेगी। जेल में 3 माह से कम रहने वाले आंदोलनकारियों या उनके एक आश्रित को 3500 रुपये प्रतिमाह, 3 से 6 माह वालों या उनके आश्रित को 5000 रुपये और 6 माह से अधिक की स्थिति में 7000 रुपये प्रतिमाह राशि दी जायेगी।
रांची। राज्य की सभी पंचायतों में 5-5 चापाकल लगाने की तैयारी लगातार जारी है। यह काम अब अंतिम अवस्था की ओर है। इसकी वर्तमान स्थिति की समीक्षा पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर गुरुवार को करेंगे। नलकूप निर्माण का टेंडर, जारी कार्यादेश, एकरारनामा, कार्यारंभ और भौतिक उपलब्धि की स्थिति चेक की जायेगी। इसके लिये वित्तीय वर्ष 2020-21 में ही स्वीकृति दी गयी थी। चापाकलों की दैनिक मरम्मति, चापाकलों के सड़े राईजर पाईप बदलने के कार्य की भी समीक्षा होनी है। इसके साथ ही अलग-अलग जिलों में संचालित ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं और उसकी भौतिक उपलब्धियों की भी ऑनलाइन समीक्षा की जायेगी। मिथिलेश ठाकुर गुरुवार को दुमका प्रक्षेत्र के विभिन्न जलापूर्ति योजनाओं की वर्तमान स्थिति की जानकारी विभागीय अधिकारियों से लेंगे। इस प्रक्षेत्र के अंतर्गत दुमका, देवघर, गोडडा, जामताड़ा, पाकुड, साहेबगंज, गिरिडी, धनबाद और बोकारो जिले शामिल हैं। इसके अगले दिन (शुक्रवार) रांची प्रक्षेत्र में शामिल जिलों की खबर ली जायेगी। इसमें रांची, सिमडेगा, कोडरमा, हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, खूंटी, गुमला, लोहरदगा, लातेहार, पलामू एवं गढ़वा जिले हैं। आनॅलाइन समीक्षा बैठक के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में चल रही ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं, राज्यान्तर्गत जलापूर्ति योजना में अबतक की कुल भौतिक उपलब्धि, कार्यादेश निर्गत योजनाओं का एकरारनामा, कार्यारंभ की स्थिति, भौतिक प्रगति, स्वीकृत योजनाओं की लंबित निविदा की स्थिति, डीपीआर के तकनीकी स्वीकृति की स्थिति, एसभीएस (एकल ग्रामीण जलापूर्ति योजना) एवं रेट्रफिटिंग की स्वीकृत योजनाओं की कुल संख्या, निविदा प्रकाशन, निविदा निस्तार, कार्यादेश, एकरारनामा, अद्यतन भौतिक प्रगति की समीक्षा की जानी है। ऑनलाईन समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री के अलावा विभागीय सचिव, अभियंता प्रमुख, मुख्य अभियंता (पीएमयू), मुख्य अभियंता (सीडीओ), दुमका तथा रांची प्रक्षेत्र के सभी अधीक्षण औऱ कार्यपालक अभियंता को भी उपस्थित रहने को कहा गया है।
गढ़वा। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने सोमवार को जिले के सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर कोविड-19 महामारी एवं विकास कार्यों की समीक्षा की। मौके पर मंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर हम सभी के लिए बड़ी चुनौती है। इसमें हमने कई अपनों को भी खो दिया है, लेकिन मुख्यमंत्री के प्रबंधन व पदाधिकारियों तथा स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से धीरे-धीरे हम इस पर काबू पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जारी स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में कुछ कड़ाई की गई है तथा यह देखा जा रहा है कि इसका अनुपालन पूरी तरह से नहीं हो रहा है। ऐसे में सभी पदाधिकारी सख्ती से इसका अनुपालन सुनिश्चित करें। शादी विवाह में नियमावली के अनुरूप 11 से अधिक व्यक्तियों को शामिल नहीं होने दिया जाए, पदाधिकारी स्वयं इसकी जांच करें। प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा थाना प्रभारी अपने क्षेत्र अंतर्गत हो रहे शादी समारोह की पूरी जानकारी अपने पास अवश्य रखें तथा इसकी जांच करे कि उक्त शादी समारोह में नियमावली का अनुपालन किया जा रहा है अथवा नहीं। जारी गाइडलाइन का अनुपालन न किए जाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करें। उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि स्वास्थ्य सहिया, सेविका, सहायिका व जेएसएलपीएस की महिलाओं के माध्यम से जिले भर में स्वास्थ्य सर्वे करवाया जाए। सर्वे से प्राप्त अस्वस्थ तथा संक्रमित व्यक्तियों की सूची संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उपलब्ध कराई जाए। इसके माध्यम से संक्रमण को वहीं रोका जा सकता है। मंत्री ने निर्देश दिया कि ऐसे क्षेत्र जहां संक्रमित व मृत व्यक्ति पाए गए हैं उसकी सूची तैयार करते हुए उक्त टोले-मोहल्ले के व्यक्तियों की तत्काल प्रभाव से रैपिड एंटीजेन किट के माध्यम से जांच कराई जाए। ताकि संक्रमितों की प्राथमिक अवस्था में ही पहचान करते हुए उनका इलाज शुरू किया जा सके। साथ ही लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि चेकनाको, दूसरे राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष रूप से जांच अभियान चलाया जाए तथा लोगों को जागरूक किया जाए। मंत्री ने धान अधिप्राप्ति पर भी चर्चा की तथा लक्ष्य के अनुरूप किसानों का धान क्रय न किए जाने पर उपायुक्त को अपने स्तर से कार्रवाई करने का निर्देश दिया। वहीं सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को मनरेगा के तहत चलाई जा रही योजनाओं के माध्यम से प्रवासी व स्थानीय मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने की बात कही। बैठक में उपायुक्त राजेश कुमार पाठक, पुलिस अधीक्षक श्रीकांत एस खोटरे, डीआरडीए निदेशक, सिविल सर्जन, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, उप निर्वाचन पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी तथा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी आदि मौजूद थे।
एबीएन डेस्क, रांची। झारखंड सरकार ने झारखंड में प्रतिबंधों को और एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की अवधि को और एक सप्ताह बढ़ाने हुए 6 मई की सुबह 6 बजे तक कर दिया है। यानी 5 मई की रात तक कड़ाई जारी रहेगी। दुकानें अब रात आठ बजे के बजाय दोपहर दो बजे तक ही खुली रहेंगी। आम लोगों को दोपहर 3 बजे तक आवाजाही करने की इजाजत होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में यह फैसला लिया गया। सरकार ने राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देख स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को जारी रखने का फैसला लिया है। इससे पहले कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मरीजों को देखत् सरकार ने 22 अप्रैल की सुबह 6 बजे से 29 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की घोषणा की थी। इस दौरान सीएम ने कहा था कि सभी के द्वारा इसका अनुपालन किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि आंशिक लॉकडाउन के बाद भी झारखंड में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 27 अप्रैल को झारखंड में 6 हजार से अधिक कोरोना के नये संक्रमित मरीज मिले। अस्पतालों की स्थिति खराब है। अस्पतालों में बेड नहीं है। मरीजों को आॅक्सीजन नहीं मिल पा रहा है। जरूरी दवाइयों की कमी है। इस लिहाज से सरकार के पास लॉकडाउन बढ़ाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ाई में राज्य में स्थित उद्योगों से सहयोग लेने के लिए कदम उठायें। उनसे कोविड डेडिकेटेड अस्पताल समेत अन्य जरूरी चिकित्सीय संसाधन उपलब्ध कराने को कहा जाये। ताकि कोरोना संक्रमितों को उपचार के लिए परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। कॉरपोरेट जगत के सहयोग से कोरोना संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकेगी।
रांची। भारतीय चुनाव आयोग ने मधुपुर उपचुनाव के लिए डीसी बदलने का निर्देश दिया है। आयोग ने मंजूनाथ भजंत्री को बदलते हुए नैंसी सहाय को नियुक्त करने का आदेश दिया है। आयोग ने इस संबंध में जल्द से जल्द रिपोर्ट देने की बात कही है। बता दें इसके पहले 20 अप्रैल को आयोग ने रिटर्निंग आॅफिसर बदलने का आदेश दिया है। आयोग ने इसके लिए उद्योग विभाग झारखंड सरकार में अडर सेक्रेटरी नीरज कुमार सिंह को रिटर्निंग आॅफिसर बनाने का आदेश दिया है। इस संबंध में आगे अधिसूचना कार्मिक विभाग की ओर से जारी की जायेगी। आयोग की मानें तो मतगणना कार्य इनकी देखरेख में किया जायेगा। इस आदेश पर तत्कसन प्रभाव से अमल करने को कहा गया है। बता दें मधुपुर उपचुनाव के लिए दो मई को मतगणना होनी है। आदेश भारतीय निर्वाचन आयोग के सेक्रेटरी अरविंद आनंद ने जारी किया है, जो राज्य मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के नाम जारी है। 17 अप्रैल को हुआ था चुनाव : मधूपुर उपचुनाव पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी की मौत के बाद हुई पिछले एक साल से विधायक की मौत के बाद सीट खाली रही। ऐसे में चुनाव आयोग ने चुनाव संपन्न कराया। सीट के लिए चुनाव 17 अप्रैल को हुआ। जिसमें लगभग तीन लाख 22 हजार मतदाताओं ने मतदान किया। आयोग की मानें तो इस सीट पर कुल 71.60 प्रतिशत वोटिंग हुई।
रांची। भारतीय चुनाव आयोग ने मधुपुर उपचुनाव के लिए डीसी बदलने का निर्देश दिया है। आयोग ने मंजूनाथ भजंत्री को बदलते हुए नैंसी सहाय को नियुक्त करने का आदेश दिया है। आयोग ने इस संबंध में जल्द से जल्द रिपोर्ट देने की बात कही है। बता दें इसके पहले 20 अप्रैल को आयोग ने रिटर्निंग आॅफिसर बदलने का आदेश दिया है। आयोग ने इसके लिए उद्योग विभाग झारखंड सरकार में अडर सेक्रेटरी नीरज कुमार सिंह को रिटर्निंग आॅफिसर बनाने का आदेश दिया है। इस संबंध में आगे अधिसूचना कार्मिक विभाग की ओर से जारी की जायेगी। आयोग की मानें तो मतगणना कार्य इनकी देखरेख में किया जायेगा। इस आदेश पर तत्कसन प्रभाव से अमल करने को कहा गया है। बता दें मधुपुर उपचुनाव के लिए दो मई को मतगणना होनी है। आदेश भारतीय निर्वाचन आयोग के सेक्रेटरी अरविंद आनंद ने जारी किया है, जो राज्य मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के नाम जारी है। 17 अप्रैल को हुआ था चुनाव : मधूपुर उपचुनाव पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी की मौत के बाद हुई पिछले एक साल से विधायक की मौत के बाद सीट खाली रही। ऐसे में चुनाव आयोग ने चुनाव संपन्न कराया। सीट के लिए चुनाव 17 अप्रैल को हुआ। जिसमें लगभग तीन लाख 22 हजार मतदाताओं ने मतदान किया। आयोग की मानें तो इस सीट पर कुल 71.60 प्रतिशत वोटिंग हुई।
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