रांची। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी निक्की प्रधान व सलिमा टेटे को उनकी इच्छानुसार शहर में मकान मिलेगा। श्री सोरेन बुधवार को उनके सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम दोनों खिलाड़ियों को 50-50 लाख, स्कूटी, लैपटॉप व स्मार्ट फोन प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में सलीमा टेटे और निक्की प्रधान के शानदार प्रदर्शन पर राज्यवासियों को गर्व है। खिलाड़ियों को सरकार से जोड़ने की दिशा में ही खिलाड़ियों को सम्मानित करने की पहल सरकार कर रही है। खिलाड़ियों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता के साथ पेश आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जहां हर दिन जीविका को लेकर चुनौतियों से जूझना पड़ता है। वहां सीमित संसाधनों के बीच यहां के बेटे-बेटियां खेल की दुनियां में अपने शानदार प्रदर्शन से राज्य और देश का नाम रौशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड की इन दो बेटियों ने टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन कियाण् भारतीय महिला हॉकी टीम भले ही मेडल जीतने से चूक गई हो। लेकिन इन्होंने दुनिया के बेहतरीन हॉकी खेलने वाले देशों के खिलाफ जिस तरह का प्रदर्शन किया। वह किसी मेडल से कम नहीं है। झारखंड समेत पूरे देशवासियों को इनपर गर्व है। मुख्यमंत्री ने इन बेटियों को बेहतरीन खेल के लिए शुभकामनाएं देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस समारोह में निक्की प्रधान और सलीमा टेटे को 50-50 लाख रुपए का चेक, एक-एक स्कूटी, लैपटॉप और स्मार्ट फोन प्रदान कर सम्मानित किया। सीएम ने कहा कि इन दोनों को उनकी इच्छा के मुताबिक वाले शहर में लगभग तीन हजार स्क्वायर फीट का मकान सौगात के रुप में सरकार देगी। उन्होंने यह भी कहा कि इन दोनों बेटियों ने सीमित संसाधनों के बीच अपना मुकाम बनाया है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। हमें अपने इन बेटियों पर गर्व हैण् लेकिनए हम खेल और खिलाड़ियों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता के साथ पेश आएंए इसका पूरा ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य अब खेलों में भी अपनी अलग पहचान बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस दिशा में खेल और खिलाड़ियों के हित में सरकार चरणबद्ध तरीके से कदम उठा रही है। आने वाले दिनों में और तेजी आएगी। राज्य गठन के बाद पहली बार खेल पदाधिकारियों की नियुक्ति हुई। राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़यों की सीधी नियुक्ति हो रही हैण् अबतक चालीस खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा चुका है। खिलाड़ियों को पुरस्कृत और सम्मानित किया जा रहा है। हर पंचायत में खेल मैदान विकसित किए जा रहे हैं। एस्ट्रो टर्फ स्टेडियम बनाए जा रहे हैं। इसका मकसद यही है कि यहां के बेटे-बेटियों के हुनर को निखारने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हों। उन्हें अपना हुनर दिखाने के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जा रहा हैए ताकि वे अपने शानदार प्रदर्शन से राज्य और देश का नाम रौशन कर सकें। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य के खिलाड़ी कठिन परिश्रम और लगन के साथ अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं। मुझे लगता है कि ये दो बेटियां जिस तरह हॉकी में अपना परचम लहरा रही हैं। उसके सामने सड़कों पर चमचमाती गाड़ियों में घूमनेवालों की चमक काफी फीकी हैण् खिलाड़ी राज्य और देश के सम्मान के लिए अपना सबकुछ झोंक देते हैं। सीएम ने कहा कि विभिन्न खेलों के लिए रेसिडेंसियल सेंटर और डे बोर्डिंग खोलने की कवायद चल रही है। डे बोर्डिंग में प्रशिक्षण के लिए चयनित खिलाड़ियों को सरकार की ओर से प्रति दिन पांच सौ रुपए दिए जाएंगे। दोनों ही तरह के सेंटरों में खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देने के लिए उत्कृष्ट कोच रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि खेल प्रतियोगिताओं के दौरान किन्हीं वजहों से चोटिल होने वाले खिलाड़ियों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। इस दिशा में खेल विभाग प्रावधान बना रही है। मौके पर मुख्यमंत्री ने हॉकी स्टिक पर इन दोनों खिलाड़ियों के लिए शुभकामना संदेश लिखा तो निक्की प्रधान और सलीमा टेटे ने आॅटोग्राफ दिये। समारोह में खेल मंत्री हफीजुल हसन अंसारी, मंत्री जोबा मांझी, विधायक भूषण बाड़ा, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, खेल सचिव अमिताभ कौशल, खेल निदेशक जीशान कमर और निक्की प्रधान तथा सलीमा टेटे के परिजन उपस्थित थे।
कंबल घोटाला के दोषियों की अब खैर नहीं। सीएम हेमंत सोरेन ने दोषियों पर कार्रवाई शुरू करने संबंधी प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है। साथ ही एसीबी से मामले की जांच के बारे में जानकारी मांगी है। सीएम झारक्राफ्ट के प्रबंध निदेशक को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं। झारक्राफ्ट रांची और संबंधित समितियों के द्वारा हरियाणा के पानीपत से कंबल की खरीद की गई थी। कंबल खरीद में अनियमितता और आपूर्ति में गड़बड़ी को लेकर तत्कालीन मुख्य सचिव को जनवरी 2018 में जांच कराने को लेकर आवेदन दिया गया था। जिसके प्रसंग में उक्त तथ्यों की जांच के लिए तत्कालीन विकास आयुक्त के द्वारा विभागीय सचिव को निर्देश दिया गया था। इसके उपरांत महालेखाकार झारखंड से अनियमितता के संबंध में ऑडिट कराया गया। महालेखाकार कार्यालय द्वारा कंबल उत्पादन से लेकर कंबल आपूर्ति में हुई गड़बड़ियों को उजागर किया गया। इसके बाद पूरे मामले की संयुक्त रूप से जांच कराई गई। इसके बाद तत्कालीन प्रबंध निदेशक झारक्राफ्ट द्वारा जांच प्रतिवेदन विकास आयुक्त को सौंपा गया। कंबल आपूर्ति में अनियमितता की बात स्वीकार की गई। इस प्रतिवेदन पर विकास आयुक्त ने मामले की अद्यतन स्थिति और अनियमितता पर कृत कार्रवाई की प्रतिवेदन की मांग झारक्राफ्ट से की। झारक्राफ्ट के द्वारा 23 फरवरी 2018 को विस्तृत जांच प्रतिवेदन प्रेषित किया गया था। इस विस्तृत जांच प्रतिवेदन में एनएचडीसी के पदाधिकारी, धागा आपूर्ति पदाधिकारी, ट्रांसपोर्टर, नसीम अख्तर, तत्कालीन उप महाप्रबंधक झारक्राफ्ट अशोक ठाकुर, मुख्य वित्त पदाधिकारी झारक्राफ्ट एवं रेणू गोपीनाथ पणिक्कर, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी झारखंड की अनियमितता में शामिल होने की संभावना बताई गई। झारक्राफ्ट के प्रबंध निदेशक द्वारा रेणू गोपीनाथ पणिक्कर, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, अशोक ठाकुर, मुख्य वित्त पदाधिकारी झारक्राफ्ट से स्पष्टीकरण की मांग की गई। इसके बाद झारक्राफ्ट के द्वारा बताया गया कि कंबल निर्माण के लिए खरीद की विहित प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। इसके उपरांत विभिन्न प्रक्रियाओं के तहत इस मामले की विस्तृत जांच का जिम्मा एसीबी को सौंप दिया गया।
रांची। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में अनलॉक को लेकर कई अहम फैसले लिए गए हैं। नौवीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं की कक्षाएं दोपहर 12 बजे तक चलेंगी। होटल और रेस्टोरेंट अब रविवार 10 बजे तक खुलेंगे। अंतरराज्जीय बस सेवा की भी अनुमति दे दी गई है। समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि लंबे समय बाद हमने थोड़ी और रियायत दी है। कुछ शर्तों के साथ स्कूल-कॉलेज, कोचिंग संस्थान खोलने की छूट दी गई है। रेस्टोरेंट्स खोलने का समय बढ़ा दिया गया है। इंटरेस्ट स्टेट बस सर्विस की भी छूट दे दी गई है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस छूट का मतलब यह नहीं है कि लोग कोरोना प्रोटोकॉल को नजरअंदाज करना शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि चुनौती अभी भी बरकरार है। इसलिए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
रांची। झारखंड की सभी ग्राम पंचायतों के निवर्तमान मुखिया को सरकार ने जोर का झटका दिया है। उनके हस्ताक्षर से पंचायतों के बैंक अकाउंट्स के संचालन पर रोक लगा दी गयी है। इसके अलावा 15वें वित्त आयोग और मनरेगा सहित अन्य योजनाओं में पेमेंट करने का अधिकार भी अब उनसे छीन लिया गया है। सरकार ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को आगामी छह महीने के लिए एक्सटेंशन देने का निर्णय जरूर लिया है, लेकिन इससे संबंधित अधिसूचना अब तक जारी नहीं की गयी है। ऐसे में राज्य में प्रखंड कार्यालयों से इसका आदेश जारी किया जा रहा है कि कार्यकाल पूरा होने की वजह से ग्राम पंचायतें स्वतः विघटित हो गयी हैं और इस वजह से ग्राम पंचायतों की कार्यकारी समितियों के प्रधान के माध्यम से सरकारी योजनाओं का भुगतान बंद कर दिया जाये। भुगतान रोकने के आदेश से पंचायतों में कामकाज ठप पड़ रहा है। मजदूरों से लेकर सामग्री मद में भी भुगतान रुक गया है। 15वें वित्त आयोग की 400 करोड़ से अधिक की योजनाओं का भी काम भी धीमा पड़ गया है। हालांकि, मुखिया यह मांग कर रहे हैं कि भुगतान का अधिकार बरकरार रखा जाये। मनरेगा के तहत भुगतान का अधिकार भी अब बीडीओ के हाथ में चला गया है। अब मनरेगा के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर से योजना में खर्च के लिए फंड ट्रांसफर ऑर्डर (एफटीओ) का अनुमोदन संभव नहीं है। गिरिडीह सहित कई जिलों के डीडीसी द्वारा आदेश निकाल कर पंचायतों में मनरेगा से चल रही विभिन्न योजनाओं में किये जाने वाले व्यय का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम (इपीएफएमएस) के जरिये करने को कहा गया है। यह अधिकार बीडीओ के पास है। बता दें कि झारखंड में ग्राम पंचायतों की त्रिस्तरीय व्यवस्था को दूसरी बार छह महीने का विस्तार देने से जुड़े अध्यादेश को राज्यपाल से मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इससे संबंधित आदेश जिलों और प्रखंडों में नहीं पहुंचा है। पंचायतों को मिले पहले एक्सटेंशन की अवधि सात जुलाई की अर्द्धरात्रि को ही समाप्त हो चुकी है। छह महीने के दूसरे एक्सटेंशन में पंचायतों की व्यवस्था अधिकारियों के माध्यम से चलेगी या ग्राम प्रधान की अध्यक्षता की कार्यकारी समितियों के जरिये, यह क्लीयर नहीं हुआ है। इधर,खाता संचालन पर रोक लग गयी है। पंचायतों के अकाउंट्स को नियत तिथि से अनरजिस्टर्ड किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों के निवर्तमान प्रधान द्वारा अब फंड ट्रांसफर ऑर्डर (एफटीओ) अप्रूव नहीं किया जायेगा। कोरोना के चलते समय पर चुनाव नहीं हुआ : झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर 2020 को ही समाप्त हो गया था। कोरोना के चलते उस वक्त चुनाव संपन्न नहीं हो सका। ऐसे में सरकार ने पंचायतों को पहले छह माह का अवधि विस्तार दिया और यह कहा कि अप्रैल- मई तक चुनाव करा लेंगे। इस बार भी कोरोना संक्रमण के कारण चुनाव नहीं हुआ है। हालांकि, निर्वाचन आयोग चुनाव की तैयारी कर रहा है परीसीमन का काम लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन किसी भी हाल में दिसंबर के पहले चुनाव संभव नहीं लग रहा।
रांची। झारखंड में उद्योंगों के विकास के लिए पर्याप्त संभावनाएं हैं।यहां उद्योगों के लिए माकूल वातावरण औ औद्योगिक निवेश को बढावा देने के लिए निवेशकों को सुविधाएं और रियायतें देने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज उद्योग विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में इस बाबत अधिकारियों को कई निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों के साथ लघु, कुटीर और ग्रामोद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विभाग कारगर कदम उठाए।इस मौके पर विभाग की ओर से उद्योंगों के विकास के लिए उठाए जा कदमों की जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई। कृषि आधारित उद्योगों के लिए भी हो सिंगल विंडो सिस्टम मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में कृषि आधारित उद्योंगों खासकर फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं।यहां भी निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि यहां भी सिंगल विंडो सिस्टम को कारगर तरीके से लागू किया जाए। ताकि यहां आने के लिए निवेशक आकर्षित हो सकें। झारक्राफ्ट का प्रोफेशनली संचालन हो मुख्यमंत्री ने कहा कि झारक्राफ्ट इस राज्य की पहचान है।झारक्राफ्ट के उत्पादों की क्वालिटी अच्छी होने के साथ उसकी मांग भी बहुत है।लेकिन उस हिसाब से झारक्राफ्ट को बाजार नहीं उपलब्ध हो रहा है।मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि झारक्राफ्ट को प्रोफेशनल तरीके से संचालित करने की जरूरत है।इसके उत्पादों के लिए विशेषज्ञों की टीम के साथ मार्केट स्टैटजी को नए सिरे से बनाएं। ताकि झारक्राफ्ट् के उत्पादों को बेहतर और सुलभ बाजार मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि झारक्राफ्ट से जुड़े कारीगरों के वर्किंग कंडीशन को बेहतर बनाया जाए।उनकी मैपिंग करने के साथ उन्हें मार्केट स्टैटजी की जानकारी भी दें। उद्योंगों की संभावनाएं तलाशने के लिए रिसर्च टीम का हो गठन मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में लाह और तसर समेत कई अन्य उद्योंगों के लिए काफी संभावनाएं हैं।लेकिन इनका अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है। ऐसे में उद्योगों के लिए यहां क्या संभावनाएं हैं। उन्हें किस तरीके से स्थापित किया जा सकता है। इसका विभाग आकलन करे। इस दिशा में बइस बाबत रिसर्च एंड डिजाइन टीम का गठन करें, ताकि बेहतर परिणाम सामने आ सकें। लाह और तसर उत्पादों के लिए प्रोसेसिंग यूनिट बने मुख्यमंत्री ने कहा कि लाह औऱ तसर के उत्पादन में झारखंड देश का अग्रणी राज्य है। लेकिन, इन उत्पादों का अपने राज्य में बेहतर तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। ऐसे में लाह औऱ तसर आधारित उद्योगों को विशेष तौर पर बढ़ावा मिलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि लाह और तसर उत्पादों के लिए यहां प्रोसेसिंग यूनिट बनाने की दिशा में विभाग योजनाबद्ध तरीके से पहल करे। अनुसूचित जाति और जनजाति के उद्यमियों को मिले बढ़ावा मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को बढ़ावा देने पर सरकार का विशेष जोर है।उन्होंने कहा कि इन उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने के लिए सुविधाएं और रियायतें दी जा रही है। इस मौके पर विभागीय सचिव ने बताया कि राज्य में बन रहे इंडस्ट्रियल पार्कों में इन्हें जमीन अलॉटमेंट में प्राथमिकता के साथ रियायतें भी दी जा रही है। ताकि वे अपने उद्योंगों को स्थापित करने के साथ बेहतर तरीके से संचालित कर सकें। इस बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, उद्योग विभाग की सचिव सचिव श्रीमती पूजा सिंघल, निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह और मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्योग बोर्ड के सीईओ अजय कुमार मौजूद थे।
रांची। झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की है कि ओलंपिक में सोना जितने वाले खिलाड़ियों को सरकार दो करोड़ देगी। ओलंपिक में चांदी जीतने वाले खिलाड़ी को एक करोड़ व कांस्य विजेता खिलाड़ी को 75 लाख मिलेंगे। शनिवार को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने खिलाड़ियों के साथ हुई वर्चुअल मुलाकात में उक्त घोषणा की।उन्होंने कहा कि राज्य की बेटियों ने झारखंड का मान बढ़ाया है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कोच सहित तीनों तीरंदाजों को कैश प्राइजमनी देने की भी घोषणा की। तीरंदाज दीपिका को 50 लाख, अंकिता व कोमोलिका को 20-20 लाख, कोच पूर्णिमा को 12 लाख देने की घोषणा की गयी। इसके अलावा हॉकी खिलाड़ी सलीमा और निक्की को भी 5-5 लाख कैश प्राइज देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है। इधर, दीपिका ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि इस बार ओलम्पिक में बेहतरीन प्रदर्शन करेंगी और देश के लिए सोना लाएंगी।
रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन आज कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय से “प्रोजेक्ट शिशु” के अंतर्गत कोविड-19 महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास हेतु झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि “प्रोजेक्ट शिशु” के तहत कोरोना महामारी के दौरान राज्य के वैसे बच्चे जिन्होंने अपने अभिभावकों को खोया है उन बच्चों का पुनर्वास करना निश्चित रूप से बहुत ही संवेदनशील और हृदय को छूने वाला कार्य है।राज्य सरकार एवं झालसा के प्रयास से संक्रमण काल में अनाथ हुए बच्चों को सहारा दिया जाना तथा सहारा बनने की मुहिम के साथ आगे बढ़ना एक पुनीत कार्य है। कोरोना संक्रमण काल में अनेकों ऐसे बच्चे हैं जिनके जीवन से मां-बाप का साया सदा के लिए समाप्त हो चुका है। ऐसे बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी भी है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राज्य सरकार ने लोगों के जीवन और जीविका को गंभीरता से लिया । जीवन और जीविका दोनों सुरक्षित रहे इसके लिए कई कार्यक्रम चलाए गए। कई स्वयंसेवी संस्थाएं तथा लोगों का भी पूरा सहयोग सरकार को इस वैश्विक महामारी के दौर में मिला। इस समय एक ऐसे दौर से गुजर रहे हैं जहां झारखंड राज्य के लिए बड़ी चुनौतियां हैं। राज्य सरकार इन सभी चुनौतियों से निपटते हुए निरंतर आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है। अनाथ, गरीब, जरूरतमंद लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास हमेशा से ही किया है। मुख्यमंत्री ने साहेबगंज जिले के बरहेट प्रखंड स्थित एक बच्चे जिसका नाम उदय हांसदा है, का उदाहरण देते हुए कहा कि जब मैं उस बच्चे से मिला तब वह बच्चा 8 साल का था। किसी कारण से उस बच्चे के माता-पिता और भैया भाभी की मृत्यु हो गई थी। वह बच्चा अनाथ था। मैंने ग्रामीणों के सहयोग से उस बच्चे को नानी के देखरेख में रखवाया। आज वह बच्चा 10 साल का हो गया है और पढ़ लिख रहा है। वह बच्चा आज भी हमारी निगरानी में है। आपदा के इस दौर में ऐसे कई उदाहरण हम सभी के बीच हैं जिनको मदद की आवश्यकता है और हमें हर हाल में उनकी मदद करनी चाहिए। राज्य के जरूरतमंद तथा अनाथ बच्चों को पारिवारिक माहौल देने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। जरूरतमंद तथा अनाथ बच्चों को उनके गांव में ही भरण पोषण तथा शिक्षा मिल सके इस निमित्त राज्य सरकार कार्य योजना बना रही है। गांव की विधवा महिला तथा वैसे पुरुष जो अकेले हैं, अगर अनाथ बच्चों को अपने साथ रखने के लिए तैयार होंगे तो सरकार उन्हें हर संभव आर्थिक मदद करेगी। ऐसे लोगों को राज्य सरकार की विशेष योजनाओं से जोड़ा जाएगा। ऐसे अनाथ बच्चे अपने गांव में ही पारिवारिक तथा सामाजिक माहौल में रहकर अपनी जड़ें मजबूत कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को ह्यूमन ट्रैफिकिंग बचाया जा सके , इस निमित्त प्रतिबद्धता के साथ कार्य किए जा रहे हैं। इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश, झारखंड उच्च न्यायालय डॉ रविरंजन ने “प्रोजेक्ट शिशु” के तहत हो रहे कार्य तथा अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होनें कई आवश्यक सुझाव तथा किए जा रहे कार्यों के मूल मंत्र को दर्शाया। न्यायाधीश झारखंड उच्च न्यायालय अपरेश कुमार सिंह ने कोरोना संक्रमण काल में वैसे बच्चे जिनके जीवन से माता-पिता का साया उठ गया है, उनकी व्यथा को सभी के समक्ष रखा। ऐसे बच्चों के लिए "प्रोजेक्ट शिशु” के तहत झालसा तथा राज्य सरकार के समन्वय से किए जा रहे कार्यों से सभी को अवगत कराया। मौके पर मुख्यमंत्री ने बाल संरक्षण एक परिचय, चाइल्ड वेलफेयर कमिटी पंपलेट तथा शॉर्ट कार्टून फिल्म फोस्टकेयर आदि का विमोचन भी किया। मौके पर मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से झालसा द्वारा चिन्हित सोनाहातू प्रखंड तथा बेड़ो प्रखंड के लाभुकों को सरकार के विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं के लाभों से जोड़ा। मौके पर राज्य के विभिन्न जिलों में चिह्नित लाभुकों को कई महत्वपूर्ण योजनाओं के लाभों से जोड़ा गया। इस अवसर पर झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश चंद्रशेखर, न्यायाधीश नारायण प्रसाद, राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, विधि विभाग के प्रधान सचिव संजय प्रसाद, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, महाधिवक्ता राजीव रंजन, महानिबंधक, झारखंड उच्च न्यायालय तथा नालसा के पदाधिकारीगण, यूनिसेफ के झारखंड प्रमुख प्रसांता दास सहित अन्य वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।
रांची। झारखंड में 1 जुलाई तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को बढ़ा दिया गया है। आपदा प्रबंधन की तरफ से इस बाबत आदेश जारी कर दिया गया है। कल से शुरू हो रहे स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान 16 जून को जारी आदेश को ही फॉलो करना होगा। आपदा प्रबंधन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक 1 जुलाई तक अपराहन 4 बजे तक ही दुकानें खुली रहेगी। इसके अलावा पिछले सप्ताह की तरह रविवार को संपूर्ण लॉकडाउन रहेगा। बुधवार को लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में भले ही कोरोना कमांड में हो पर उसका खतरा अभी भी बना हुआ है। इसलिए सरकार किसी भी स्तर पर कोई छूट नहीं देना चाहती। जिससे कि फिर से कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़े। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना को परास्त करने के लिए जरूरी है कि हम जरूरी व्यवहार को अपनाएं, मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और टीका लगवायें। 01 जुलाई तक बस सेवाएं भी बाधित रहेंगी। बाहर से आने वाले को 7 दिन के क्वॉरेंटाइन में रहना होगा। 16 जून को जारी किए गए प्रावधान को एक जुलाई तक के लिए बढ़ाये जाने से राज्य में अब भी जहां बस सेवाएं पूरी तरह बंद रहेगी। वहीं शाम 5 बजे से सुबह 6 बजे तक सिर्फ आवयश्क सेवाओं के लिए ही आवागमन होगा। दूसरे जिले या राज्यों से आने वाले को ई-पास लेना जरूरी होगा। वहीं हवाई जहाज या ट्रेन से राज्य में आने वाले को 7 दिन के क्वॉरेंटाइन में रहना होगा। 72 घंटे के अंदर राज्य में आकर वापस चले जाने वाले को इससे छूट जारी रहेगी। बिना मास्क लगाए रेलवे स्टेशन/एयरपोर्ट में प्रवेश पर रोक जारी रहेगी। प्रावधानों का उल्लंघन करने पर डीएमए और एमवी एक्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। शनिवार की शाम से सोमवार की सुबह तक पूर्ण लॉकडाउन भी जारी रहेगा।
Subscribe to our website and get the latest updates straight to your inbox.
टीम एबीएन न्यूज़ २४ अपने सभी प्रेरणाश्रोतों का अभिनन्दन करता है। आपके सहयोग और स्नेह के लिए धन्यवाद।
© www.abnnews24.com. All Rights Reserved. Designed by Inhouse